रविवार, 8 मई 2011

241. माँ (माँ पर 11 हाइकु) पुस्तक - 16, 17

माँ
(माँ पर 11 हाइकु)

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1.
तौल सके जो
नहीं कोई तराजू
माँ की ममता। 

2.
समझ आई
जब ख़ुद ने पाई
माँ की वेदना। 

3.
माँ का दुलार
नहीं है कोई मोल
है अनमोल। 

4.
असहाय माँ
कह न पाई व्यथा
कोख उजड़ी। 

5.
जो लुट गई
लाड़ में मिट गई
वो होती है माँ। 

6.
प्यारी बिटिया,
बन गई वो माँ-सी
पी-घर गई। 

7.
पराई हुई
घर-आँगन सूना
माँ की बिटिया। 

8.
सारा हुनर
माँ से बिटिया पाए
घर बसाए। 

9.
माँ का अँचरा
सारे जहाँ का प्यार
घर-संसार। 

10.
माँ का कहना
कभी नहीं टालना
माँ होती दुआ। 

11.
माँ की दुनिया
अँगना में बहार
घर-संसार। 

- जेन्नी शबनम (8. 5. 2011)
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