रविवार, 27 अगस्त 2017

556. बादल राजा (बरसात पर 10 हाइकु) पुस्तक 92, 93

बादल राजा   

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1.  
ओ मेघ राजा  
अब तो बरस जा  
भगा दे गर्मी   

2.  
बदली रानी  
झूम-झूम बरसी  
नाचती गाती   

3.  
हे वर्षा रानी  
क्यों करे मनमानी  
बरसा पानी   

4.  
नहीं बरसा  
दहाड़ता गरजा,  
बादल शेर   

5.  
काला बदरा  
मारा-मारा फिरता  
ठौर न पाता  

6.  
मेघ गरजा  
रवि भागके छुपा  
डर जो गया   

7.  
खिली धरती,  
रिमझिम बरसा  
बदरी काली   

8.  
ली अँगड़ाई  
सावन घटा छाई  
धरा मुस्काई   

9.  
बरसा नहीं  
मेघ को गुस्सा आया,  
क्रूर प्रकृति   

10.  
सुन्दर छवि  
आकाश पे उभरा  
मेघों ने रचा   

- जेन्नी शबनम (27. 8. 2017)  
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मंगलवार, 15 अगस्त 2017

555. कैसी आज़ादी पाई (स्वतंत्रता दिवस पर 4 हाइकु) पुस्तक - 91, 92

कैसी आज़ादी पाई  

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1.  
मन है क़ैदी,  
कैसी आज़ादी पाई?  
नहीं है भायी   

2.  
मन ग़ुलाम  
सर्वत्र कोहराम,  
देश आज़ाद   

3.  
मरता बच्चा  
मज़दूर, किसान,  
कैसी आज़ादी?  

4.  
हूक उठती,  
अपने ही देश में  
हम ग़ुलाम   

- जेन्नी शबनम (15. 8. 2017)  
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बुधवार, 9 अगस्त 2017

554. सँवार लूँ (क्षणिका)

सँवार लूँ

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मन चाहता है  
एक बोरी सपनों के बीज  
मन के मरुस्थल में छिड़क दूँ  
मनचाहे सपने उगा ज़िन्दगी सँवार लूँ।  

- जेन्नी शबनम (9. 8. 2017) 
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सोमवार, 7 अगस्त 2017

553. रिश्तों की डोर (राखी पर 10 हाइकु) पुस्तक - 90, 91

रिश्तों की डोर  

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1.  
हो गए दूर  
सम्बन्ध अनमोल  
बिके जो मोल।   

2.  
रक्षा का वादा  
याद दिलाए राखी  
बहन-भाई।   

3.  
नाता पक्का-सा  
भाई की कलाई में  
सूत कच्चा-सा।   

4.  
पवित्र धागा  
सिखाता है मर्यादा  
जोड़ता नाता। 

5.  
अपनापन  
अब भी है दिखता  
राखी का दिन।   

6.  
रिश्तों की डोर  
खोलती दरवाज़ा  
नेह का नाता।   

7.  
भाई-बहन  
भरोसे का बंधन  
अभिनंदन।   

8.  
ख़ूब खिलती  
चमचमाती राखी  
रक्षाबंधन।   

9.  
त्योहार आया  
भइया परदेशी  
बहना रोती।   

10.  
रक्षक भाई  
बहना है पराई  
राखी मिलाई।   

- जेन्नी शबनम (7. 8. 2017)
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