tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post2732497276098506087..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 403. औक़ात देखोडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-80337959023528210622013-05-05T14:30:26.198+05:302013-05-05T14:30:26.198+05:30दुनिया का बोझ उठाया है मैंने
अट्टालिकएँ मुझे जान...दुनिया का बोझ उठाया है मैंने <br />अट्टालिकएँ मुझे जानती हैं <br />मेरे बदन का खून चखा है उसने <br />लहलहाती फसलें मेरी सखा है <br />मुझसे ही पानी पीती हैं <br />फुलवारी के फूल <br />अपनी सुगंध की उत्कृष्टता <br />मुझसे ही पूछते हैं <br />मेरे बिना तुम सब <br />अपाहिज हो <br />तुम बेहतर जानते हो <br />एक पल को अगर रुक जाऊँ <br />दुनिया थम जाएगी <br />चंद मुट्ठी भर तुम सब <br />मेरे ही बल पर शासन करते हो <br />फिर भी कहते - <br />''अपनी औकात देखो...!''<br /> इन पंक्तियों का प्रवाह बहुत तीव्र है। सचमुच आपने मज़दूर वर्ग की पीड़ा को बहुत तीव्रता से उभारा है । आपकी भाषा थोपी गई नहीं; वरन भावों और विचारों की अनुगामिनी है । ऐसे कविताओं के कारण ही साहित्य जिन्दा है ।वंचित जन के दु:खों का साक्षात्कार किए बिना इतनी प्रभाव्शाली रचना का सर्जन नहीं हो सकता । समस्याओं को देखने -समझने की आपकी अनुभूति बहुत गहन है ।इस तरह की कविताओं को पढ़ने का भी एक सुख होता है और वह है-' बहुत तीव्रता सेसच्चे साहित्य का साक्षात्कार।'<br />- रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-51337467029534881012013-05-05T08:52:46.538+05:302013-05-05T08:52:46.538+05:30BAHUT HI SUNDAR RACHNA " TUMHARE MAHAL ME YE ...BAHUT HI SUNDAR RACHNA " TUMHARE MAHAL ME YE RAUNAK JO AAYEE HAI,YE GHISHU KE PASINE KI KAMAYEE HAI....(GONDVI)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-9137739565932277072013-05-03T15:58:10.238+05:302013-05-03T15:58:10.238+05:30बहुत सुन्दर बहुत सुन्दर Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10711074114205495463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-72343135068465191232013-05-03T14:17:42.549+05:302013-05-03T14:17:42.549+05:30बहुत ही अच्छी कविता |बहुत ही अच्छी कविता |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-34214043837842899622013-05-02T20:16:22.414+05:302013-05-02T20:16:22.414+05:30बहुत सुन्दर , सटीक प्रस्तुति ,,,बहुत सुन्दर , सटीक प्रस्तुति ,,,Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-70479676122012162912013-05-02T20:11:42.473+05:302013-05-02T20:11:42.473+05:30बहुत खुबसूरत रचना मेहनतकश की आत्मा की आवाज़ बहुत खुबसूरत रचना मेहनतकश की आत्मा की आवाज़ Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-80416842591718531872013-05-02T20:07:54.329+05:302013-05-02T20:07:54.329+05:30चंद मुट्ठी भर तुम सब
मेरे ही बल पर शासन करते हो ...चंद मुट्ठी भर तुम सब <br />मेरे ही बल पर शासन करते हो <br />फिर भी कहते - <br />''अपनी औकात देखो...!'' <br /><br />...बहुत सटीक अभिव्यक्ति...यही आज का यथार्थ है...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-73992325901319364572013-05-01T19:35:03.476+05:302013-05-01T19:35:03.476+05:30भावुक,मन को भेदती सुंदर कविता
गजब का अहसास
मजदू...भावुक,मन को भेदती सुंदर कविता <br />गजब का अहसास <br />मजदूर दिवस पर सार्थक <br />उत्कृष्ट प्रस्तुति<br /><br />दुनियां के मजदूरों एक हो<br />मजदूरों को लाल सलाम <br /><br />विचार कीं अपेक्षा <br />jyoti-khare.blogspot.in <br />कहाँ खड़ा है आज का मजदूर------?<br />Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-84137373408056735042013-05-01T15:19:39.073+05:302013-05-01T15:19:39.073+05:30अट्टालिकएँ मुझे जानती हैं
मेरे बदन का खून चखा है...अट्टालिकएँ मुझे जानती हैं <br />मेरे बदन का खून चखा है उसने <br />लहलहाती फसलें मेरी सखा है <br />मुझसे ही पानी पीती हैं <br /><br />सच्चा सम्मान मेहनतकश लोगों का राजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02628010904084953893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-89405349769593263562013-05-01T15:09:45.381+05:302013-05-01T15:09:45.381+05:30वह तोडती पत्थर... वह तोड रही पत्थर
भेदभाव ने देश ...वह तोडती पत्थर... वह तोड रही पत्थर <br />भेदभाव ने देश को इंसान को चौपट किया हैPAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-11026906220902991052013-05-01T13:53:55.723+05:302013-05-01T13:53:55.723+05:30IST MAY KO EK ACHCHHEE KAVITA PADHNE KO MILEE HAI ...IST MAY KO EK ACHCHHEE KAVITA PADHNE KO MILEE HAI . BADHAEE .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-59543271994211316402013-05-01T13:12:35.028+05:302013-05-01T13:12:35.028+05:30चंद मुट्ठी भर तुम सब
मेरे ही बल पर शासन करते हो ...चंद मुट्ठी भर तुम सब <br />मेरे ही बल पर शासन करते हो <br />फिर भी कहते''अपनी औकात देखो...!<br /><br /><b>बहुत बेहतरीन सटीक प्रस्तुति ,,,</b><br /><b>RECENT POST</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/04/blog-post_8556.html#links" rel="nofollow">: मधुशाला,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-5827158855386146042013-05-01T10:52:09.598+05:302013-05-01T10:52:09.598+05:30बहुत अच्छा भाव लिए रचना,श्रमिक दिवस की शुभ कामनाएं...बहुत अच्छा भाव लिए रचना,श्रमिक दिवस की शुभ कामनाएं <br />डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को <br />अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को<br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/04/blog-post_28.html#links" rel="nofollow">जीवन संध्या</a><br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/04/blog-post_27.html#links" rel="nofollow"> परम्परा</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.com