tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post3689982383288804956..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 45. कामनाडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-25013140148726254302009-04-17T22:23:00.000+05:302009-04-17T22:23:00.000+05:30चाहती हूँ कि तुम देखो ज़िन्दगी...
मेरी नज़रों से,
म...चाहती हूँ कि तुम देखो ज़िन्दगी...<br />मेरी नज़रों से,<br />मेरी चाहनाओं से,<br />मेरी समस्त कामनाओं से |<br />...हाँ आपने सही लिखा है ...और सच ही तो कविता है ..सुन्दर . खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.com