tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post5388030227103719098..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 189. कैसा लगता होगाडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-24181224165709334762010-11-18T22:40:46.751+05:302010-11-18T22:40:46.751+05:30सब यतीम यहाँ
कौन किसको समझाए,
आज तो बहुत मिला
प्य...सब यतीम यहाँ<br />कौन किसको समझाए,<br />आज तो बहुत मिला <br />प्यार सबका,<br />रोज़ रोज़ कौन<br />जतलाये?<br />dil ko chhu gayi rachna , badhaiSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-58724464318400654312010-11-17T13:56:08.639+05:302010-11-17T13:56:08.639+05:30काफी सुंदर तरीके से अपनी भावनाओं को अभिवयक्त किया ...काफी सुंदर तरीके से अपनी भावनाओं को अभिवयक्त किया है .संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-54628521868722361382010-11-16T14:31:41.053+05:302010-11-16T14:31:41.053+05:30सब यतीम यहाँ
कौन किसको समझाए,
आज तो बहुत मिला
प्य...सब यतीम यहाँ<br />कौन किसको समझाए,<br />आज तो बहुत मिला <br />प्यार सबका,<br />रोज़ रोज़ कौन<br />जतलाये?<br />यही है जीवन<br />समझ में अब<br />आ हीं जाए <br /><br />बहुत अच्छी रचना<br /><br />http://veenakesur.blogspot.com/वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-59744227838712973682010-11-15T18:37:56.051+05:302010-11-15T18:37:56.051+05:30अभिनव कविता .........अभिनव कविता .........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-37980549031743991712010-11-15T16:25:12.874+05:302010-11-15T16:25:12.874+05:30सब यतीम यहाँ
कौन किसको समझाए,
आज तो बहुत मिला
प्या...सब यतीम यहाँ<br />कौन किसको समझाए,<br />आज तो बहुत मिला<br />प्यार सबका,<br />रोज़ रोज़ कौन<br />जतलाये?<br />यही है जीवन<br />समझ में अब<br />आ हीं जाए !<br /><br />जब सच समझ आ जाता है उसके बाद सारे सच बेमानी लगने लगते हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-12097065022326326202010-11-15T16:10:26.273+05:302010-11-15T16:10:26.273+05:30आपकी यह कविता तो दिल के नाज़ुक नर्म कोने में एक टीस...आपकी यह कविता तो दिल के नाज़ुक नर्म कोने में एक टीस-सी भर देती है। आपका यह गहन अनुभव और तदनुरूप शब्दावली का वरदान बहुत कम लोगों को मिल पाता है । जीवन-अनुभव से ही ऐसी भाषा सींची जा सकती है । आपकी लेखनी सदा यूँ ही भावों को आकार देती रहे !बहुत हार्दिक बधाई !सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-16601270625019183992010-11-15T09:14:45.222+05:302010-11-15T09:14:45.222+05:30सोचती हूँ
अगर ये चमत्कार
हुआ तो...
बन भी जाऊं
बच्च...सोचती हूँ<br />अगर ये चमत्कार<br />हुआ तो...<br />बन भी जाऊं<br />बच्ची तो...<br />अम्माँ बाबा<br />कहाँ से लाऊं ?<br />जाने कैसे थे<br />कहाँ गए वो ?<br />कोई नहीं बताता<br />क्यों छोड़ गए वो ?.... dard ke is swaroop ko kaun sa chamatkaar dikhaaunरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-2651104607772651942010-11-14T23:32:46.402+05:302010-11-14T23:32:46.402+05:30सब यतीम यहाँ
कौन किसको समझाए,
आज तो बहुत मिला
प्य...सब यतीम यहाँ<br />कौन किसको समझाए,<br />आज तो बहुत मिला <br />प्यार सबका,<br />रोज़ रोज़ कौन<br />जतलाये?<br />बहुत मार्मिक रचना है शबनम जी. मन भीग गया.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com