tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post6800039238415195443..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 208. पिघलती शबडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-4443305648989431962011-01-28T17:03:59.195+05:302011-01-28T17:03:59.195+05:30मेरे उन कमज़ोर पलों को विस्मृत न कर देना
भले याद न...मेरे उन कमज़ोर पलों को विस्मृत न कर देना<br />भले याद न करना कि कोई ''शब'' जल रही थी,<br />तुम्हारी तपिश से कुछ पिघल रहा था मुझमें<br />और तुम उसे समेटने का फ़र्ज़ निभा रहे थे,<br />ओ मेरे हमदर्द... <br /><br /><br />आदरणीय जेन्नी शबनम जी <br />सादर प्रणाम <br />आपकी कविता में अनुभूत सत्य बहुत गहरे से मुखर हुए हैं ...पूरी कविता एक दृश्य हमारे सामने उपस्थित कर देती है ...इस कविता की शैली बहुत जबरदस्त है ....बिलकुल काव्य के अनुकूल ...शुक्रिया आपकाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-78079059876357172572011-01-27T23:47:39.416+05:302011-01-27T23:47:39.416+05:30खूबसूरत ज़ज्बात...खूबसूरत अलफ़ाज़...खूबसूरत ज़ज्बात...खूबसूरत अलफ़ाज़...***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-24666686774097220052011-01-26T22:47:03.364+05:302011-01-26T22:47:03.364+05:30सुन्दर रचना!
गणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर
आ...सुन्दर रचना!<br />गणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर <br />आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-2758898932476123162011-01-26T21:31:24.921+05:302011-01-26T21:31:24.921+05:30बहुत भावपूर्ण...बधाई.बहुत भावपूर्ण...बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-83009051840185341572011-01-26T16:32:25.375+05:302011-01-26T16:32:25.375+05:30"ओ मेरे हमदर्द...
तुम समझ रहे हो न मेरी पीड़..."ओ मेरे हमदर्द... <br />तुम समझ रहे हो न मेरी पीड़ा<br />और जो कुछ मेरे मन में जन्म ले रहा है,<br />जानती हूँ मैं नाकामयाब रही थी <br />ख़ुद को ज़ाहिर होने देने में,<br />पर जाने क्यों अच्छा लगा कि<br />कुछ पल हीं सही<br />तुम मेरे साथ थे" इन पँक्तियों में हृदय की गहन -पीड़ा के साथ समर्पण-भाव का भी सुन्दर भावचित्र प्रस्तुत किया है ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-208075930238414112011-01-26T16:27:32.139+05:302011-01-26T16:27:32.139+05:30बहुत प्रेरणा देती हुई सुन्दर रचना ...
गणतंत्र दिवस...बहुत प्रेरणा देती हुई सुन्दर रचना ...<br />गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!<br /><br />Happy Republic Day.........Jai HINDसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-91450485735375799752011-01-26T13:21:42.244+05:302011-01-26T13:21:42.244+05:30बहुत मार्मिक और भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति..बहुत मार्मिक और भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-16889612038030844652011-01-26T13:01:27.463+05:302011-01-26T13:01:27.463+05:30उस अग्नि से पूछना जब
मैं सुलग रही थी,
वो तपिश अग्न...उस अग्नि से पूछना जब<br />मैं सुलग रही थी,<br />वो तपिश अग्नि की नहीं थी<br />तुम थे जो धीरे धीरे<br />मुझे पिघला रहे थे,<br /><br />खूबसूरत अभिव्यक्ति <br /><br /><br /><br />गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-43202004520670739312011-01-26T12:43:13.271+05:302011-01-26T12:43:13.271+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (27/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br />http://charchamanch.uchcharan.com<br /><br />गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-59686288100839187012011-01-26T11:14:40.990+05:302011-01-26T11:14:40.990+05:30वो सभी पल मुझपर क़र्ज़ से हैं,
जिन्हें मैं उतारना नह...वो सभी पल मुझपर क़र्ज़ से हैं,<br />जिन्हें मैं उतारना नहीं चाहती<br />bemisaal lekhan.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-38406137999972720982011-01-26T10:17:15.157+05:302011-01-26T10:17:15.157+05:30priy sabnam ji
namskar
...priy sabnam ji <br /> <br /> namskar <br /><br /> abhivyaki sundar prayas .'tum samajh rhe ho meri pida --- ' antrman <br /> ke bhav mukhar ho uthe hain .udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.com