tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post8466828792600626868..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 243. सपने पलने के लिए जीने के लिए नहीं (पुस्तक - 99)डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-88468889210132656982011-05-14T00:22:02.389+05:302011-05-14T00:22:02.389+05:30बेहद सुन्दर कविता , सपनो को अर्थ देतीबेहद सुन्दर कविता , सपनो को अर्थ देतीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-27714961751028831792011-05-12T20:29:39.480+05:302011-05-12T20:29:39.480+05:30SEEDHE - SAADE SHABDON MEIN
AAPKEE KAVITA MAN KO S...SEEDHE - SAADE SHABDON MEIN<br />AAPKEE KAVITA MAN KO SPARSH <br />KAR GAYEE HAI. BAHAAEE AUR<br />SHUBH KAMNA .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-5730562311124153472011-05-12T13:52:23.423+05:302011-05-12T13:52:23.423+05:30behtareeen ...........di bahut pyari see rachna..!...behtareeen ...........di bahut pyari see rachna..!!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-83118408441657518112011-05-12T08:42:26.868+05:302011-05-12T08:42:26.868+05:30तुम्हारी फेहरिश्त में महज़ पांच-छः सपने थे और
मैंन...तुम्हारी फेहरिश्त में महज़ पांच-छः सपने थे और<br />मैंने हज़ारों जोड़ रखे थे,<br />जानते हुए कि एक एक कर सपने टूटेंगे और<br />ध्वस्त सपनों के मज़ार पर <br />मैं अकेली बैठी<br />उन यादों को जीयूँगी,<br />kuch kahna hamesha kaha sambhaw hota hai !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-51440986992762624272011-05-11T23:27:08.270+05:302011-05-11T23:27:08.270+05:30क्यों देख लिए जाते ऐसे सपने
जिनमें एक भी पूरे नहीं...क्यों देख लिए जाते ऐसे सपने<br />जिनमें एक भी पूरे नहीं होने होते, <br />फेहरिश्त आज भी<br />मेरे मन पर गुदी हुई है,<br />जब भी मिलना<br />चुपचाप पढ़ लेना<br />कोई इसरार न करना,<br />फेहरिश्त के सपने, सपने हैं<br />सिर्फ पलने के लिए, जीने के लिए नहीं!<br />-जेन्नी शबनम जी इन पंक्तियों में कितनी सादगी से सब कह दिया है !'फेहरिश्त आज भी मन पर गुदी हुई है, कितना अनूठा प्रयोग किया है।आपकी इस कविता में कल-कल छल-छल करते झरने का प्रवाह है ।माधुर्य तो हर शब्द में घुला हुआ है ।बहुत श्लाग्य कविता !सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-65152613854187391382011-05-11T23:00:59.500+05:302011-05-11T23:00:59.500+05:30एक बेहतरीन कविता के लिए बधाईएक बेहतरीन कविता के लिए बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-28717051307350202402011-05-11T21:23:38.053+05:302011-05-11T21:23:38.053+05:30SAPNO KI NAV PAR SAWAR HOKAR HUM UTNA DUR NAHI JAA...SAPNO KI NAV PAR SAWAR HOKAR HUM UTNA DUR NAHI JAA SAKTE, JITNA KI HAKIKAT ME TERKAR. .<br />BAHUT PYARI KAVITA<br />. JAI HIND JAI BHARATSAJAN.AAWARAhttps://www.blogger.com/profile/10975214181930047006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-82620173837843759332011-05-11T19:54:58.703+05:302011-05-11T19:54:58.703+05:30कितने गहरे भाव छुपा रखे है आपने बस कुछ पंक्तियों म...कितने गहरे भाव छुपा रखे है आपने बस कुछ पंक्तियों में...बहुत सुंदर...धन्यवाद।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-53884496030008241912011-05-11T19:07:36.735+05:302011-05-11T19:07:36.735+05:30सपने सपने होते हैं....
पूरे कब होते हैं..!
बसा क...सपने सपने होते हैं....<br /><br />पूरे कब होते हैं..!<br /><br />बसा के रखना <br /><br />इन्हें आँखों में ही....<br /><br />आज रात को <br /><br />फिर देखेंगे हम <br /><br />साथ-साथ.....!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-10603855206404794332011-05-11T19:04:53.354+05:302011-05-11T19:04:53.354+05:30कई छोटी छोटी चाह
पाल ली हमने
छोटे छोटे सपने
एक साथ...कई छोटी छोटी चाह<br />पाल ली हमने<br />छोटे छोटे सपने<br />एक साथ सजा लिए हमने|<br /><br />जेन्नी, बहुत सुन्दर भावों से सजी कविता के लिए बधाई | राजेशजी को भैया का स्मरण |Pankaj Trivedihttps://www.blogger.com/profile/13825761046315674437noreply@blogger.com