tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post9027873289029441015..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 337. तुम्हारा तिलिस्मडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-26473071936372727972012-04-24T08:33:51.531+05:302012-04-24T08:33:51.531+05:30crative.crative.ranahttps://www.blogger.com/profile/13533201468316594782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-64379647673152903082012-04-06T14:07:16.543+05:302012-04-06T14:07:16.543+05:30sundar rachnasundar rachnaMonika Jainhttps://www.blogger.com/profile/18206634037142003083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-37195992924734357762012-04-06T13:43:41.089+05:302012-04-06T13:43:41.089+05:30बहुत खूब...
शुभकामनायें आपको !बहुत खूब...<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-37689792424549563332012-04-05T22:33:20.781+05:302012-04-05T22:33:20.781+05:30अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं
जाने तुमने मेरे मन क...अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं<br />जाने तुमने मेरे मन को जाना या नहीं<br />या मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए<br />क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br />या तुम्हारा तिलिस्म,<br />स्वीकार है मुझे<br />चाहे जिस रूप में<br />तुम चाहो मुझे !- आपकी इस कविता में बहुत गहरे प्रेम और चाह्त की व्याकुलता और समर्पण दोनों मिल गए हैं । पूरी कविता आद्यन्त एक सूत्र में मार्मिकता से पिरोई गई है ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-67379440316678734362012-04-05T21:23:22.218+05:302012-04-05T21:23:22.218+05:30मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए
क्या जाने वक़्त ...मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए<br />क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br />या तुम्हारा तिलिस्म,<br />स्वीकार है मुझे<br />चाहे जिस रूप मेंतुम चाहो मुझे !<br />samarpan ki sunder abhivayakti<br />rachanaमेरा साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09177331730604295287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-14279261044442117122012-04-05T18:32:17.699+05:302012-04-05T18:32:17.699+05:30क्या जाने वक़्त की जादूगरी है
या तुम्हारा तिलिस्म,...क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br />या तुम्हारा तिलिस्म,<br />स्वीकार है मुझे<br />चाहे जिस रूप में<br />तुम चाहो मुझे !<br /><br />sundar panktiyan.महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-72644501167137316532012-04-05T14:48:32.518+05:302012-04-05T14:48:32.518+05:30बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
आपका
सवाई सिंह{आगर...बहुत ही सुंदर प्रस्तुति <br /> <br />आपका <br /><br /> <a href="http://rajpurohitagra.blogspot.in/2012/04/blog-post_05.html/" rel="nofollow">सवाई सिंह{आगरा } </a>Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-4733861416580951732012-04-05T09:18:26.885+05:302012-04-05T09:18:26.885+05:30सुन्दर भावों को अभिव्यक्त करती रचना।सुन्दर भावों को अभिव्यक्त करती रचना।dinesh aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/18216221541613478194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-54361124844585411232012-04-04T23:51:18.668+05:302012-04-04T23:51:18.668+05:30स्वीकार है मुझे
चाहे जिस रूप में
तुम चाहो मुझे !.....स्वीकार है मुझे<br />चाहे जिस रूप में<br />तुम चाहो मुझे !...यही प्यार है.Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-87599303568864165192012-04-04T10:01:35.940+05:302012-04-04T10:01:35.940+05:30सुन्दर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहे...सुन्दर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।<br />http://vangaydinesh.blogspot.in/2012/02/blog-post_25.html<br />http://dineshpareek19.blogspot.in/2012/03/blog-post_12.htmlDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-51854804180040909872012-04-04T07:34:35.962+05:302012-04-04T07:34:35.962+05:30बहुत ही सुन्दर एवं सारगर्भित रचना । मेरे नए पोस...बहुत ही सुन्दर एवं सारगर्भित रचना । मेरे नए पोस्ट "अमृत लाल नागर" पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-62914055609434311582012-04-03T22:49:57.904+05:302012-04-03T22:49:57.904+05:30गजब के भाव प्रस्तुत किये हैं आपने जेन्नी जी.
सुन्द...गजब के भाव प्रस्तुत किये हैं आपने जेन्नी जी.<br />सुन्दर भाव विभोर करती प्रस्तुति के लिए <br />आभार जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-10368248401752385482012-04-03T21:02:07.943+05:302012-04-03T21:02:07.943+05:30अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं
जाने तुमने मेरे मन क...अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं<br />जाने तुमने मेरे मन को जाना या नहीं<br />या मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए<br />क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br /><br />बहुत सुन्दर रचना...***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-90629208565769271312012-04-03T20:05:31.614+05:302012-04-03T20:05:31.614+05:30अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं
जाने तुमने मेरे मन क...अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं<br />जाने तुमने मेरे मन को जाना या नहीं<br />या मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए<br />क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br />या तुम्हारा तिलिस्म,<br /><br />ऐसी दीवानगी तो मोहब्बत करने वाला ही समझ सकता है. बहुत खूब.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-48248229713977649602012-04-03T16:37:12.991+05:302012-04-03T16:37:12.991+05:30खुबसूरत एहसास...
सादर.खुबसूरत एहसास...<br />सादर.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-112170137032072352012-04-03T11:57:42.010+05:302012-04-03T11:57:42.010+05:30नहीं मालूम
अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं
जाने तुमन...नहीं मालूम<br />अनकहा तुम समझ पाते हो या नहीं<br />जाने तुमने मेरे मन को जाना या नहीं<br />या मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए<br />क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br />या तुम्हारा तिलिस्म,<br />स्वीकार है मुझे<br />चाहे जिस रूप में<br />तुम चाहो मुझे !<br />....... समर्पित मन को सब स्वीकार होता हैरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-91616729291028622652012-04-03T11:31:22.428+05:302012-04-03T11:31:22.428+05:30समर्पण की पराकाष्ठा .... सुंदर रचनासमर्पण की पराकाष्ठा .... सुंदर रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-26692077287031603742012-04-02T23:40:43.900+05:302012-04-02T23:40:43.900+05:30प्रभावशाली प्रस्तुति ।प्रभावशाली प्रस्तुति ।Dasarath Singhhttp://www.learnhtmlinhindi.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-83693257309449496602012-04-02T23:39:31.074+05:302012-04-02T23:39:31.074+05:30धुँध छट गई है
मौसम में फगुनाहट घुल गई है
आँखों में...धुँध छट गई है<br />मौसम में फगुनाहट घुल गई है<br />आँखों में सपने मचल रहे हैं<br />रगों में हलकी तपिश<br />महसूस हो रही है,<br /><br />प्रभावशाली प्रस्तुति ।<br />अच्छा लगा हमे!Dasarath Singhhttp://www.learnhtmlinhindi.blogspot.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-53987327469735660702012-04-02T22:06:40.299+05:302012-04-02T22:06:40.299+05:30मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए
क्या जाने वक़्त ...मैं सिर्फ बदन बन पाई तुम्हारे लिए<br />क्या जाने वक़्त की जादूगरी है<br />या तुम्हारा तिलिस्म,<br />स्वीकार है मुझे<br />चाहे जिस रूप मेंतुम चाहो मुझे !<br />बहुत बढ़िया रचना,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट,....<br /> <br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post.html" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-61595040756312885932012-04-02T21:48:14.301+05:302012-04-02T21:48:14.301+05:30यही तो दीवानगी है प्यार की.........
है तो है.......यही तो दीवानगी है प्यार की.........<br /><br /> है तो है.....एकतरफा ही सही..........<br /><br />बहुत सुन्दर जेन्नी जी <br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com