tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post1051029476454408854..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 669. रंगों का क़र्ज़ डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-33661594005881712102020-06-07T09:10:16.003+05:302020-06-07T09:10:16.003+05:30रंग बाँटने की सौग़ात मिले या ख़ुद के मौसम हो जाने ...रंग बाँटने की सौग़ात मिले या ख़ुद के मौसम हो जाने की चाह ... मिल सकें रंग सभी को ... बहुत गहरी बात ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-44874179332486163762020-06-03T18:49:46.473+05:302020-06-03T18:49:46.473+05:30"रोटी का रंग" नया प्रयोग....बेहतरीन।"रोटी का रंग" नया प्रयोग....बेहतरीन।पवन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/13384439688274865050noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-64418066188280932262020-06-03T17:10:58.614+05:302020-06-03T17:10:58.614+05:30बहुत ही सुंदर रचना ,सुंदर विचार
ओढ़ लिया मैंने ...बहुत ही सुंदर रचना ,सुंदर विचार <br /><br /> ओढ़ लिया मैंने इंद्रधनुषी रंग <br />अब चाहती हूँ <br />रंगों का कर्ज चुकाने, मैं मौसम बन जाऊँ <br />मैं रंगों की खेती करूँ और खूब सारे रंग मुफ़्त में बाँटूँ <br />उन सभी को जिनके जीवन में मेरी ही तरह रंग नहीं है <br />जिन्होंने न रोटी का रंग देखा न प्रेम का <br />न जमीन का न आसमान का <br />चाहती हूँ ,बधाई हो Jyoti Singhhttps://www.blogger.com/profile/04419073316265642693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-90375933522800797852020-06-03T11:00:25.881+05:302020-06-03T11:00:25.881+05:30बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति।बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-40759665827641777592020-06-03T09:36:27.608+05:302020-06-03T09:36:27.608+05:30बहुत सुन्दरबहुत सुन्दरOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-25092858845426983732020-06-02T21:45:40.910+05:302020-06-02T21:45:40.910+05:30तुम्हारी उधारी तब तक
जब तक मैं मौसम न बन जाऊँ। ...तुम्हारी उधारी तब तक <br />जब तक मैं मौसम न बन जाऊँ। <br />अच्छी अभिव्यक्ति !संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-17028248072441069812020-06-02T19:27:09.692+05:302020-06-02T19:27:09.692+05:30मौसम बनकर मौसम के रंग चुकाना हैमौसम बनकर मौसम के रंग चुकाना हैराजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर https://www.blogger.com/profile/17808468411108093591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-24903856023293028742020-06-02T18:16:35.034+05:302020-06-02T18:16:35.034+05:30सार्थकता की ओर ले जाती सुंदर रचनासार्थकता की ओर ले जाती सुंदर रचनाराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.com