tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post3587601532481093945..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 43. अपंगता (क्षणिका)डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-83580683793113662382009-04-17T22:30:00.000+05:302009-04-17T22:30:00.000+05:30बस एक समाधान...प्यार,प्यार और प्यार !!
....कहां स...बस एक समाधान...प्यार,प्यार और प्यार !!<br /><br />....कहां से लाऊ वह असीम प्यार ...|<br />मुझे इस कविता से लगाव सा हो गया है ..क्योकि मै मनो -विज्ञान का आजीवन विद्यार्थी हू ..शायद इसलीये ..आपकी कल्पना की मै प्रशंसा करता हू खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.com