tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post5286697712022929519..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 36. एक गीत तुम गाओ नडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-64639456650768387152009-03-09T06:23:00.000+05:302009-03-09T06:23:00.000+05:30यहां आकर बहुत अच्छा लगा। बहुत सुन्दर कवितायें हैं।...यहां आकर बहुत अच्छा लगा। बहुत सुन्दर कवितायें हैं। जितनी सुन्दर कवितायें उसके अनुरूप टिप्पणियां नहीं हैं। लगता है कि आप हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत नहीं हैं यदि यह सच है तो उनके साथ अपने चिट्ठे को अवश्य पंजीकृत करा लें। बहुत से लोग आपकी कविताओं का आनन्द ले पायेंगे। हिन्दी फीड एग्रगेटर की सूची <A HREF="http://hindi-blog-podcast.blogspot.com/2006/10/blog-post_7412.html" REL="nofollow"> यहां</A> है।<BR/><BR/>कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.com