tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post5726381211745169813..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 280. जब भी तन्हा ख़ुद को पाती हूँडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-13808621338020062092011-09-12T19:52:16.052+05:302011-09-12T19:52:16.052+05:30जेन्नी शबनम जी आज हमने आपकी रचना तुम केवल मेरी कवि...जेन्नी शबनम जी आज हमने आपकी रचना तुम केवल मेरी कविता के पात्र हो वटवृक्ष <br />में पढ़ी बहुत बहुत ही खुबसूरत लगी.... इतनी प्यारी रचना के आपका बहुत बहुत आभार.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-16525825133662130392011-09-07T18:51:45.671+05:302011-09-07T18:51:45.671+05:30मन डर जाता जीवन के इस रीत से
जब भी तन्हा ख़ुद को प...मन डर जाता जीवन के इस रीत से<br />जब भी तन्हा ख़ुद को पाती हूँ ! <br /><br />bahut tadap liye huye hai aapki rachna, bahut achha likha hai.<br /><br />shubhkamnayenprritiy----snehhttps://www.blogger.com/profile/15786805769915315081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-317937834242873922011-09-07T14:00:19.687+05:302011-09-07T14:00:19.687+05:30khoobsoorat!!khoobsoorat!!सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-21912647178520655792011-09-07T12:27:15.007+05:302011-09-07T12:27:15.007+05:30संवेदना से भरी..भावनाओं से परिपूर्ण रचनासंवेदना से भरी..भावनाओं से परिपूर्ण रचनाNidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-25977072141510731922011-09-07T09:17:12.340+05:302011-09-07T09:17:12.340+05:30मन डर जाता जीवन के इस रीत से
जब भी तन्हा ख़ुद को ...मन डर जाता जीवन के इस रीत से <br />जब भी तन्हा ख़ुद को पाती हूँ ! <br />बहुत खुबसूरत पंक्तिया....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-70730923215803662482011-09-07T07:43:59.573+05:302011-09-07T07:43:59.573+05:30निर्मल मन से बेबाक भावनाए जेन्नी जी आपकी शैली है ज...निर्मल मन से बेबाक भावनाए जेन्नी जी आपकी शैली है जो मुझे प्रभावित करती है प्रवाह बनाये रखे .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-16691635127519947232011-09-07T03:29:57.419+05:302011-09-07T03:29:57.419+05:30बहुत भावपूर्ण रचना....बधाई.बहुत भावपूर्ण रचना....बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-45028894307465379522011-09-07T00:25:50.258+05:302011-09-07T00:25:50.258+05:30दीदी,आपने सहज ही मन के अकेलेपन का इतना मार्मिक चित...दीदी,आपने सहज ही मन के अकेलेपन का इतना मार्मिक चित्रण किया है इस रचना में कि,आँखों के आगे चलचित्र सा खिंच गया...बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना है....शुभकामनाये..आशा ढौंडियालhttps://www.blogger.com/profile/04093962547502563372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-48591606656471331642011-09-06T23:19:22.190+05:302011-09-06T23:19:22.190+05:30जेन्नी शबनम जी इन पंक्तियों में गहरा अवसाद अभिव्यक...जेन्नी शबनम जी इन पंक्तियों में गहरा अवसाद अभिव्यक्त हुआ है-"सहेजे सपनों की विफलता का मलाल <br />धाराशायी अरमान, <br />मन की विक्षिप्तता <br />असह्य हो रहा अब ये संताप, <br />मन डर जाता जीवन के इस रीत से <br />जब भी तन्हा ख़ुद को पाती हूँ" यह अवसाद सचमुच बहुत डराता है । आपने इस गहन अनुभूति को उसी के अनुरूप भाषा में स्वरूप प्रदान किया है ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-75149083439130161702011-09-06T22:44:25.985+05:302011-09-06T22:44:25.985+05:30मन से लिखी गई
बहुत ही सुन्दर हैमन से लिखी गई<br />बहुत ही सुन्दर हैvidhyahttps://www.blogger.com/profile/04419215415611575274noreply@blogger.com