tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post657605783416944138..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 427. ज़िन्दगी लिख रही हूँडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-51059249066778890422013-12-10T10:50:45.845+05:302013-12-10T10:50:45.845+05:30अभी आपकी कई रचनाएँ एक साथ पढ़ीं ..... हाइकु अपने म...अभी आपकी कई रचनाएँ एक साथ पढ़ीं ..... हाइकु अपने में गहन भावों को समेटे हैं वहीं आपकी रचनाएँ गहन भाव व्यक्त कर रही हैं । भले ही कोयले से लिख रही हों पर आसमान पर तो ज़िंदगी की तहरीर लिख रही हैं न .... यही जिजीविषा चाहिए ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-30270735448261217872013-12-09T19:41:54.261+05:302013-12-09T19:41:54.261+05:30 गहन चिंतन गहन चिंतन Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-76229790778888230882013-12-09T17:09:25.921+05:302013-12-09T17:09:25.921+05:30sunder, sahaj aur bhavpurn prastuti sunder, sahaj aur bhavpurn prastuti tbsinghhttps://www.blogger.com/profile/07736038280400862671noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-6585520431160359852013-12-09T10:18:21.270+05:302013-12-09T10:18:21.270+05:30कोमल भावपूर्ण रचना...
कोमल भावपूर्ण रचना...<br />मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-56712740393777219702013-12-09T09:34:16.906+05:302013-12-09T09:34:16.906+05:30आशाएं बनी रहें , मंगलकामनाएं !!आशाएं बनी रहें , मंगलकामनाएं !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-29793534338597033512013-12-08T22:58:54.286+05:302013-12-08T22:58:54.286+05:30बहुत उम्दा भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
...बहुत उम्दा भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...<br />नयी पोस्ट<a href="http://pbchaturvedi.blogspot.in/" rel="nofollow">@ग़ज़ल-जा रहा है जिधर बेखबर आदमी</a>प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-15627336288076434322013-12-08T22:58:30.901+05:302013-12-08T22:58:30.901+05:30बहुत बढिया जेन्नी जीबहुत बढिया जेन्नी जीMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-68043867301006098982013-12-08T13:00:14.919+05:302013-12-08T13:00:14.919+05:30लाजवाब और बेहतरीनलाजवाब और बेहतरीनRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-81774867063269538792013-12-07T21:11:54.245+05:302013-12-07T21:11:54.245+05:30बहुत बढियां लिखा है आपने.. सुन्दर भाव निदर्शन ..बहुत बढियां लिखा है आपने.. सुन्दर भाव निदर्शन ..Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-91862940039127654552013-12-07T20:18:26.208+05:302013-12-07T20:18:26.208+05:30मार्मिक कविता शबनम जी ।मार्मिक कविता शबनम जी ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-61918551396021011972013-12-07T14:42:38.161+05:302013-12-07T14:42:38.161+05:30मार्मिक ... निःशब्द हूँ पढ़ने के बाद ... पता नहीं क...मार्मिक ... निःशब्द हूँ पढ़ने के बाद ... पता नहीं कब तकदीर का लिखना अपने ही हाथो में होगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-88023959271675413822013-12-07T11:08:33.956+05:302013-12-07T11:08:33.956+05:30काले अक्षरों से जिंदगी के दुःख लिखे जाते है और आपन...काले अक्षरों से जिंदगी के दुःख लिखे जाते है और आपने लिख दिया.....बुत खूब !<br />नई पोस्ट <a href="http://www.kpk-vichar.blogspot.in/2013/12/blog-post_6.html#comment-form" rel="nofollow"> नेता चरित्रं</a> <br />नई पोस्ट <a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/12/blog-post_1515.html#links" rel="nofollow">अनुभूति</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-6572263941723806432013-12-07T08:01:17.812+05:302013-12-07T08:01:17.812+05:30सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा ह...सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।<br /><br />आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-59003340226614881962013-12-07T07:20:36.063+05:302013-12-07T07:20:36.063+05:30आप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 09/12/201...आप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 09/12/2013 को <a href="http://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow">नयी पुरानी हलचल</a> पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...<br />सूचनार्थ।<br /><br />एक मंच[mailing list] के बारे में---<br /><br />अपनी किसी भी ईमेल द्वारा ekmanch+subscribe@googlegroups.com<br /> पर मेल भेजकर जुड़ जाईये आप हिंदी प्रेमियों के एकमंच से।हमारी मातृभाषा सरल , सरस ,प्रभावपूर्ण , प्रखर और लोकप्रिय है पर विडंबना तो देखिये अपनों की उपेक्षा का दंश झेल रही है। ये गंभीर प्रश्न और चिंता का विषय है अतः गहन चिंतन की आवश्यकता है। इसके लिए एक मन, एक भाव और एक मंच हो, जहाँ गोष्ठिया , वार्तालाप और सार्थक विचार विमर्श से निश्चित रूप से सकारात्मक समाधान निकलेगे इसी उदेश्य की पूर्ति के लिये मैंने एकमंच नाम से ये mailing list का आरंभ किया है। आज हिंदी को इंटरनेट पर बढावा देने के लिये एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है, सभी मिलकर हिंदी को साथ ले जायेंगे इस विचार से हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित ये संयुक्त मंच है। देश का हित हिंदी के उत्थान से जुड़ा है , यह एक शाश्वत सत्य है इस मंच का आरंभ निश्चित रूप से व्यवस्थित और ईमानदारी पूर्वक किया गया है। हिंदी के चहुमुखी विकास में इस मंच का निर्माण हिंदी रूपी पौधा को उर्वरक भूमि , समुचित खाद , पानी और प्रकाश देने जैसा कार्य है . और ये मंच सकारात्मक विचारो को एक सुनहरा अवसर और जागरूकता प्रदान करेगा। एक स्वस्थ सोच को एक उचित पृष्ठभूमि मिलेगी। सही दिशा निर्देश से रूप – रेखा तैयार होगी और इन सब से निकलकर आएगी हिंदी को अपनाने की अद्भ्य चाहत हिंदी को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाना, तकनिकी क्षेत्र, विज्ञानं आदि क्षेत्रो में विस्तार देना हम भारतीयों का कर्तव्य बनता है क्योंकि हिंदी स्वंय ही बहुत वैज्ञानिक भाषा है हिंदी को उसका उचित स्थान, मान संमान और उपयोगिता से अवगत हम मिल बैठ कर ही कर सकते है इसके लिए इस प्रकार के मंच का होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हमारी एकजुटता हिंदी को फिर से अपने स्वर्ण युग में ले जायेगी। वर्तमान में किया गया प्रयास , संघर्ष , भविष्य में प्रकाश के आगमन का संकेत दे देता है। इस मंच के निर्माण व विकास से ही वो मुहीम निकल कर आयेगी जो हिंदी से जुडी सारे पूर्वग्रहों का अंत करेगी। मानसिक दासता से मुक्त करेगी और यह सिलसिला निरंतर चलता रहे, मार्ग प्रशस्त करता रहे ताकि हिंदी का स्वाभिमान अक्षुण रहे। <br />अभी तो इस मंच का अंकुर ही फुटा है, हमारा आप सब का प्रयास, प्रचार, हिंदी से स्नेह, हमारी शक्ति तथा आत्मविश्वास ही इसेमजबूति प्रदान करेगा। <br />ज आवश्यक्ता है कि सब से पहले हम इस मंच का प्रचार व परसार करें। अधिक से अधिक हिंदी प्रेमियों को इस मंच से जोड़ें। सभी सोशल वैबसाइट पर इस मंच का परचार करें। तभी ये संपूर्ण मंच बन सकेगा। ये केवल 1 या 2 के प्रयास से संभव नहीं है, अपितु इस के लिये हम सब को कुछ न कुछ योगदान अवश्य करना होगा। <br />तभी संभव है कि हम अपनी पावन भाषा को विश्व भाषा बना सकेंगे।<br /><br /><br /><a href="http://groups.google.com/group/ekmanch" rel="nofollow">एक मंच</a> हम सब हिंदी प्रेमियों, रचनाकारों, पाठकों तथा हिंदी में रूचि रखने वालों का साझा मंच है। आप को केवल इस समुह कीअपनी किसी भी ईमेल द्वारा सदस्यता लेनी है। उसके बाद सभी सदस्यों के संदेश या रचनाएं आप के ईमेल इनबौक्स में प्राप्त कर पाएंगे कोई भी सदस्य इस समूह को सबस्कराइब कर सकता है। सबस्कराइब के लिये <br /><a href="http://groups.google.com/group/ekmanch" rel="nofollow">आप यहां क्लिक करें</a> <br />या <br /><a href="ekmanch+subscribe@googlegroups.com" rel="nofollow">ekmanch+subscribe@googlegroups.com</a><br /> पर मेल भेजें। <br />इस समूह में पोस्ट करने के लिए, <br /><a href="ekmanch@googlegroups.com" rel="nofollow">ekmanch@googlegroups.com</a><br /> को ईमेल भेजें <br />[आप सब से भी मेरा निवेदन है कि आप भी इस मंच की सदस्यता लेकर इस मंच को अपना स्नेह दें तथा इस जानकारी को अपनी सोशल वैबसाइट द्वारा प्रत्येक हिंदी प्रेमी तक पहुंचाएं। तभी ये संपूर्ण मंच बन सकेगा<br />kuldeephttp://www.nayi-purani-halchal.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-13560089243368871362013-12-07T06:38:41.496+05:302013-12-07T06:38:41.496+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (07-12-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/12/1454.html" rel="nofollow"> "याद आती है माँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1454 में "मयंक का कोना" </a> पर भी होगी!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-85243691262843175822013-12-07T06:32:30.746+05:302013-12-07T06:32:30.746+05:30बहुत खूब....!!
आत्मा मूक हो गयी
निर्लज्जता सवाल नह...बहुत खूब....!!<br />आत्मा मूक हो गयी<br />निर्लज्जता सवाल नहीं जवाब बन गई<br />झकझोर देनेवाली रचना..Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.com