tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post7321048101544240130..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 304. आदम जात की बात नहींडॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-64210225118383371722011-12-14T11:19:20.545+05:302011-12-14T11:19:20.545+05:30बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
सादर
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जो मेरा...बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। <br /><br />सादर <br />-----<br /><a href="http://jomeramankahe.blogspot.com" rel="nofollow"> जो मेरा मन कहे </a> पर आपका स्वागत हैYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-39467157531726228042011-12-14T10:10:42.487+05:302011-12-14T10:10:42.487+05:30वाह क्या बात है खूबसूरत रचना ,वाह क्या बात है खूबसूरत रचना ,amrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-53017323993405117772011-12-13T15:42:30.520+05:302011-12-13T15:42:30.520+05:30फिर ये कैसा प्यार
हर बार एक नयी अनकही शर्त
जिसे मा...फिर ये कैसा प्यार<br />हर बार एक नयी अनकही शर्त<br />जिसे मान लेना होता है, <br />उम्र के ढलान पर <br />तुम्हारी निगाहें किसे ढूँढती हैं ?<br />साथ तो होते हैं लेकिन<br />उबलती शिराएँ <br />समझते हो न<br />सहन नहीं होती,<br /><br />प्यार का दम भरने वाले जब खुद ही प्यार पर तोहमत लगाने लगें और प्यार भी खुद की शर्तों पर करें तो परेशनियाँ तभी से शुरू हो जाती हैं..खुद को तो जैसे हैं वैसे ही स्वीकारने की बात करते हैं लेकिन जब स्वीकार करने की बात आती हैं साथी की तो सारे आदर्श धरे रह जाते हैं...और दुनिया बस "मैं" तक सिमट के रह जाती है....!!<br />फिर बात चाहे शरीर की हो या विचारों की...एक सा रुख..एक सा रवैया...!! <br /><br />बहरहाल.....कविता बहुत खूबसूरत है..बधाई स्वीकार हो....***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-3437085912835122692011-12-12T18:30:16.856+05:302011-12-12T18:30:16.856+05:30vandana ji ki baat se poorntah sahamat hoon samay ...vandana ji ki baat se poorntah sahamat hoon samay mile aapko kabhi to aaiyega meri post par aapka svagat haihttp://mhare-anubhav.blogspot.com/Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-78719720975359829522011-12-12T14:21:22.752+05:302011-12-12T14:21:22.752+05:30जब रूह से रूह मिल जाएँ तो प्यार में कुछ शर्त ही न...जब रूह से रूह मिल जाएँ तो प्यार में कुछ शर्त ही नहीं होगी .....सही कहा आपनेडॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-12267162746616623392011-12-12T06:53:46.242+05:302011-12-12T06:53:46.242+05:30शर्तों पे प्यार ...नहीं,बस....व्यापार होता हैशर्तों पे प्यार ...नहीं,बस....व्यापार होता हैNidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-79908724070493602862011-12-11T18:56:06.979+05:302011-12-11T18:56:06.979+05:30प्यार कि उम्र कभी ख़त्म नहीं होती
प्यार में कोई श...प्यार कि उम्र कभी ख़त्म नहीं होती <br />प्यार में कोई शर्त नहीं होती !<br />bahut bada sach......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-39035946268621675522011-12-11T18:21:01.437+05:302011-12-11T18:21:01.437+05:30बहुत सुन्दर भावो को संजोया है………कुछ ऐसी भी बातें ह...बहुत सुन्दर भावो को संजोया है………कुछ ऐसी भी बातें होती हैं जो अनकही ही रहती हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-73617320143406501322011-12-11T07:31:29.506+05:302011-12-11T07:31:29.506+05:30सच कहा आपने जेन्नी जी । प्यार का उम्र से कोई सम्बन...सच कहा आपने जेन्नी जी । प्यार का उम्र से कोई सम्बन्ध नहीं होता । स्वार्थ और शर्त भी कभी प्यार का धार नहीं बन पाते । अपने हितचिन्तक को मन में प्राणों मे।म महसूस करना ही प्यार है। यह प्यार भी कभी भी किसी को भी पूरा नहीं मिलता , अदूरे में आदमी को सन्तोष नहीं । आपकी ये पंक्तिया इसी सांसारिक प्यार की उधेरबुन को बहुत तन्मयता से व्याख्यायित करती हैं-प्यार कि उम्र कभी ख़त्म नहीं होती <br />प्यार में कोई शर्त नहीं होती !<br />फिर ये कैसा प्यार<br />हर बार एक नयी अनकही शर्त<br />जिसे मान लेना होता है, <br />उम्र के ढलान पर <br />तुम्हारी निगाहें किसे ढूँढती हैं ?<br />साथ तो होते हैं लेकिन<br />उबलती शिराएँ <br />समझते हो न<br />सहन नहीं होती,<br />सारी शर्तों को मानते हुए<br />हर अनकहा समझते हुए <br />फिर ऐसा क्यों?सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-16182478290157332282011-12-11T00:02:36.065+05:302011-12-11T00:02:36.065+05:30रूह से रूह की बात सचमुच परीकथाएँ ही हैं आज के दौर ...रूह से रूह की बात सचमुच परीकथाएँ ही हैं आज के दौर में... जब आपस में भी संवाद की संभावनाएं क्षीण नज़र आती हैं... रूह से रूह की बात तो आकाश कुसुम है ही!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-57690378013388231722011-12-10T23:39:27.974+05:302011-12-10T23:39:27.974+05:30pyyar ki paribhashaahi alag hai baat adam jati ki ...pyyar ki paribhashaahi alag hai baat adam jati ki nahee ,sachchee kavitaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-67922059332515442492011-12-10T21:44:54.017+05:302011-12-10T21:44:54.017+05:30सच है
रूह से रूह की बात
परी कथाओं की बात है
आदम ...सच है <br />रूह से रूह की बात <br />परी कथाओं की बात है<br />आदम जात की बात नहीं !<br />.... यह शायद प्रायः हर स्त्री का सच हैरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com