tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post8081464600601313253..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 320. अब और कितना (क्षणिका)डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-66834589355096370802012-02-10T22:38:42.876+05:302012-02-10T22:38:42.876+05:30wah.....wah.....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-62264337296945682902012-02-08T23:46:53.939+05:302012-02-08T23:46:53.939+05:30आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,जिंदगी इसी तरह चलती रहती ...आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,जिंदगी इसी तरह चलती रहती है,अंत सिर्फ मौत है <br /><br />MY NEW POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/02/blog-post_08.html#links" rel="nofollow">...मेरे छोटे से आँगन में...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-85975276999875412102012-02-08T22:34:10.895+05:302012-02-08T22:34:10.895+05:30साल दर साल अनवरत,
कोई अंतिम दिन नहीं आता
जो मेरे ल...साल दर साल अनवरत,<br />कोई अंतिम दिन नहीं आता<br />जो मेरे लिए ठहरता हो <br />न कोई ऐसी तारीख़ आती<br />जिसके गुजरने का अफ़सोस न हो,<br />प्रतीक्षा की मियाद<br />मानो निर्धारित हो -सचमुच जीवन में ऐसा कुछ होता ही नहीं जो ठहर जाए और ऐसे पल बहुत होते हैं जो हमारे हाथ से फिसल ही जाते हैं , पारे की तरह । बहुत सार्थक बात कही है।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-85851859006515878862012-02-08T22:19:24.093+05:302012-02-08T22:19:24.093+05:30शबनम जी, मुझे अपने लोगों से आत्मीयता की सुरभि मिलत...शबनम जी, मुझे अपने लोगों से आत्मीयता की सुरभि मिलती है । आपकी प्रस्तुत कविता के संबंध में यही कहना चाहूंगा कि - मन तो एक ही होता है , दस बीस तो नही । आपकी कविता मन के संबेदनशील तारों को झंकृत कर गई । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद । .प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-54280621814688738882012-02-08T21:50:04.397+05:302012-02-08T21:50:04.397+05:30प्रतीक्षा सदा ही अखरती है फिर भले ही वो किसी भी ची...प्रतीक्षा सदा ही अखरती है फिर भले ही वो किसी भी चीज़ की हो....गहरी भावपूर्ण रचनाPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-55473547453675243542012-02-08T17:23:57.639+05:302012-02-08T17:23:57.639+05:30कोई अंतिम दिन नहीं आता
जो मेरे लिए ठहरता हो
न कोई...कोई अंतिम दिन नहीं आता<br />जो मेरे लिए ठहरता हो <br />न कोई ऐसी तारीख़ आती<br />जिसके गुजरने का अफ़सोस न हो,<br />प्रतीक्षा की मियाद<br />मानो निर्धारित हो <br /><br /><br />और उस निर्धारित का आधार ही पकड़ में नहीं आता....***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-78623975181764297782012-02-08T16:35:52.840+05:302012-02-08T16:35:52.840+05:30बेहतरीन अभिव्यक्ति ।बेहतरीन अभिव्यक्ति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-57414563954648718482012-02-08T14:34:53.307+05:302012-02-08T14:34:53.307+05:30आह्ह्
अब और कितना...
किसी तरह हो
बस अंत हो !
आ...आह्ह् <br />अब और कितना...<br />किसी तरह हो <br />बस अंत हो ! <br /><br />आदि का अंत तो होगा ही ....<br />सुंदर गहन भाव ...<br />मर्म को छूते हुए से ...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-75681631110984836752012-02-08T12:54:41.957+05:302012-02-08T12:54:41.957+05:30अरे नहीं...........
जीवन भी चले..लेखनी भी सरपट दौ...अरे नहीं...........<br /><br />जीवन भी चले..लेखनी भी सरपट दौड़े...<br /><br /> <br />शुभकामनाएँ.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-68292010048684849262012-02-08T12:40:26.626+05:302012-02-08T12:40:26.626+05:30Aah!Aah!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-83956203142831193492012-02-08T10:52:32.816+05:302012-02-08T10:52:32.816+05:30जब तक हम ढूंढते हैं , अंत नहीं आता - जब निस्तैल आँ...जब तक हम ढूंढते हैं , अंत नहीं आता - जब निस्तैल आँखें होती हैं तो सब कुछ ठहर ही जाता हैरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-86877449820764815772012-02-08T10:52:06.400+05:302012-02-08T10:52:06.400+05:30एक समय ऐसा भी आएगा जब हम सबकी सांसे हमेशा के लिए र...एक समय ऐसा भी आएगा जब हम सबकी सांसे हमेशा के लिए रुक जाएगी पर वक्त वहां भी नहीं ठहरेगा ! हमें छोड़ कर आगे बढ़ जायेगा !<br />सुन्दर प्रस्तुति !<br />आभार !Jeevan Pushphttps://www.blogger.com/profile/15866178821083740220noreply@blogger.com