tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post9176242924568226141..comments2024-03-27T19:28:26.722+05:30Comments on लम्हों का सफ़र: 371. फ़र्ज़ की किस्त डॉ. जेन्नी शबनमhttp://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-811925220289865362012-09-20T01:44:08.806+05:302012-09-20T01:44:08.806+05:30यही आलम सबका है... एक और सुन्दर अभिव्यक्ति पढने को...यही आलम सबका है... एक और सुन्दर अभिव्यक्ति पढने को मिली..<br />सादर <br />मधुरेश Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-63863228072536349992012-09-19T23:23:15.256+05:302012-09-19T23:23:15.256+05:30wah....bahot khoobsurat....wah....bahot khoobsurat....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-41690715117653071562012-09-19T21:00:27.491+05:302012-09-19T21:00:27.491+05:30
लाल पीले गुलाबी
सपने बोना चाहती थी
जिन्हें तुम्ह...<br />लाल पीले गुलाबी <br />सपने बोना चाहती थी<br />जिन्हें तुम्हारे साथ <br />उन पलों में तोडूँगी <br />जब सारे सपने खिल जाएँ <br />और जिन्दगी से हारे हुए हम <br />इसके बेहद ज़रूरतमंद हों !<br /><br />जो सोचता है ,सोचता रह जाता है ,अवसाद में चला जाता है ,यहाँ तो बहुत एक्शन है ,सोच के लिए अवकाश कैसा .भाग्यवादी दर्शन कैसा ,फर्ज़ तो सुख से भरता है ,भावना से बड़ा होता है कर्तव्य फिर ये अवसाद क्यों इस रचना का प्रति पाद्य क्यों ?<br />ram ram bhai<br />मंगलवार, 18 सितम्बर 2012<br />कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधानvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-19725172689000847152012-09-19T20:21:08.940+05:302012-09-19T20:21:08.940+05:30जानती हूँ चाहने से कुछ नहीं होता तकदीर में विफलत...जानती हूँ चाहने से कुछ नहीं होता तकदीर में विफलता हो तो न सपने पलते हैं न ज़िंदगी सँवरती है न ही तजुर्बे काम आते हैं ! <br />निढ़ाल होती मेरी ज़िंदगी फ़र्ज़ अदा करने के क़र्ज़ में डूबती जा रही है और अपनी सारी चाहतों से फ़र्ज़ की किश्त मैं तन्हा चुका रही हूँ ! <br />शायद जीना इसी का नाम है बहुत ही सुंदर सार्थक एवं गहन भाव अभिव्यक्ति ..... Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-32927742172540820292012-09-19T16:42:14.273+05:302012-09-19T16:42:14.273+05:30I slept and dreamt that life was beauty ..
I woke ...I slept and dreamt that life was beauty ..<br />I woke and found that life was duty ...<br />aise hii jeevan beet jata hai ..<br />bahut sundar likha hai ..!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-18514491378882989772012-09-19T14:58:45.481+05:302012-09-19T14:58:45.481+05:30सपनों को उगायेंगे हम क्यूँ ज़िन्दगी से हारें
हर फ...सपनों को उगायेंगे हम क्यूँ ज़िन्दगी से हारें <br />हर फ़र्ज़ निभाएंगे पल पल ज़िन्दगी को वारें<br /><br />ये मुश्किल घडी हों फिर भी हम हौसला रखेंगे <br />तन्हा कहाँ तनहाइयाँ लिखा तकदीर बदल देंगे <br /><br />आपको पढ़ना सदा अच्छा लगता लेकिन आप पर लिखना बड़ा कठिन लगता है इसीलिए विचार करना पड़ता है . आप जीवन के बहुत करीब लिखती हैं .Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-20147935101461672832012-09-19T12:38:55.427+05:302012-09-19T12:38:55.427+05:30अंतिम पंक्तियां मन को छूती हुई ... उत्कृष्ट अभिव...अंतिम पंक्तियां मन को छूती हुई ... उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-73734483029991991692012-09-19T12:24:48.512+05:302012-09-19T12:24:48.512+05:30जानती हूँ
चाहने से कुछ नहीं होता
तकदीर में विफलत...जानती हूँ <br />चाहने से कुछ नहीं होता <br />तकदीर में विफलता हो तो <br />न सपने पलते हैं <br />न ज़िंदगी सँवरती है <br />न ही तजुर्बे काम आते हैं !...सच है रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-77016717361467977502012-09-19T09:59:00.395+05:302012-09-19T09:59:00.395+05:30काफी कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया इस रचना ने... बहुत...काफी कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया इस रचना ने... बहुत ही भावपूर्ण रचना!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-18132034751037430342012-09-19T09:30:39.566+05:302012-09-19T09:30:39.566+05:30उत्कृष्ट प्रस्तुति आज बुधवार के चर्चा मंच पर ।।... उत्कृष्ट प्रस्तुति आज बुधवार के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर ।।<br /><br />रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-91212272337535411602012-09-19T07:48:41.985+05:302012-09-19T07:48:41.985+05:30बहुत ही सुंदर भाव।
बधाई।
............
हिन्दी की ...बहुत ही सुंदर भाव।<br />बधाई।<br /><br />............<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/2012/09/Samay-Ke-Paar-Children-Hindi-Novel.html?m=1" rel="nofollow">हिन्दी की सबसे दुर्भाग्यशाली पुस्तक!</a></b><br />Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-36665595781002811542012-09-18T23:57:22.349+05:302012-09-18T23:57:22.349+05:30Ati sundar Ati sundar vikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-83120321738287853132012-09-18T23:55:40.777+05:302012-09-18T23:55:40.777+05:30Ati sundarAti sundarvikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-366308415558132162012-09-18T23:01:54.526+05:302012-09-18T23:01:54.526+05:30रचना बहुत आवेग लिए है सुन्दर है लेकिन भाग्यवादी दर...रचना बहुत आवेग लिए है सुन्दर है लेकिन भाग्यवादी दर्शन और अवसाद से संसिक्त भी है .कर्तव्य तो भावना से भी बड़ा होता है .फर्ज़ अंजाम दिया फिर मलाल कैसा ,कर्ज़ कैसा ....<br /><br />जानती हूँ <br />चाहने से कुछ नहीं होता <br />तकदीर में विफलता हो तो <br />न सपने पलते हैं <br />न ज़िंदगी सँवरती है <br />न ही तजुर्बे काम आते हैं !<br /><br />निढ़ाल होती मेरी ज़िंदगी <br />फ़र्ज़ अदा करने के क़र्ज़ में <br />डूबती जा रही है<br />और अपनी सारी चाहतों से <br />फ़र्ज़ की किश्त <br />मैं तन्हा चुका रही हूँ !virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-18343101764799481112012-09-18T22:12:09.022+05:302012-09-18T22:12:09.022+05:30निढ़ाल होती मेरी ज़िंदगी
फ़र्ज़ अदा करने के क़र...निढ़ाल होती मेरी ज़िंदगी <br />फ़र्ज़ अदा करने के क़र्ज़ में <br />डूबती जा रही है<br />और अपनी सारी चाहतों से <br />फ़र्ज़ की किश्त <br />मैं तन्हा चुका रही हूँ,,,,<br /><br />अहसासों की लाजबाब प्रस्तुति......<br />RECENT P0ST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/09/blog-post_17.html" rel="nofollow"> फिर मिलने का </a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-20981207616391799452012-09-18T21:38:05.404+05:302012-09-18T21:38:05.404+05:30वाह बहुत भावपूर्ण रचना..वाह बहुत भावपूर्ण रचना..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-18350112191199481522012-09-18T20:41:14.587+05:302012-09-18T20:41:14.587+05:30'फ़र्ज़ की किश्त' कविता मन को पूरी तरह भिगो ...'फ़र्ज़ की किश्त' कविता मन को पूरी तरह भिगो गई । हर पंक्ति में सरसता , जीवन का गहरा अनुभव , वह भी अवसाद से परिपूर्ण । इतना सुन्दर और सार्थक लिखने के लिए बहुत बधाई जेन्नी जी । ये पंक्तियाँ तो बहुत ही मार्मिक हैं<br />-निढ़ाल होती मेरी ज़िंदगी <br />फ़र्ज़ अदा करने के क़र्ज़ में <br />डूबती जा रही है<br />और अपनी सारी चाहतों से <br />फ़र्ज़ की किश्त <br />मैं तन्हा चुका रही हूँ !<br />सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-46638737526279592672012-09-18T19:37:14.013+05:302012-09-18T19:37:14.013+05:30हृदयस्पर्शी उत्कृष्ट
--- शायद आपको पसंद आये ---
1...हृदयस्पर्शी उत्कृष्ट<br /><br />--- शायद आपको पसंद आये ---<br />1. <a href="http://techprevue.blogspot.in/2012/09/html5-image-slider-for-blogger.html" rel="nofollow">अपने ब्लॉग पर फोटो स्लाइडर लगायें</a>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-51425196101608270172012-09-18T19:03:34.306+05:302012-09-18T19:03:34.306+05:30LAJAWAAB KAVITA KE LIYE AAPKO BADHAAEE.LAJAWAAB KAVITA KE LIYE AAPKO BADHAAEE.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1828680321489310423.post-92177454385126870962012-09-18T18:31:43.779+05:302012-09-18T18:31:43.779+05:30काफी हद तक सही हैं आप...मगर तकदीर बदलते देर कहाँ ल...काफी हद तक सही हैं आप...मगर तकदीर बदलते देर कहाँ लगती हैं...<br />संजोये रखना चाहिए सपनों को....जाने कब डूबती ज़िन्दगी किनारे लग जाए.....नाव खेते रहें बस..<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com