अनुत्तरित प्रश्न है
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अनुत्तरित प्रश्न है-
अहमियत क्या है मेरी?
कच्चा गोश्त हूँ, पिघलता जिस्म हूँ
बेजान बदन हूँ, भटकती रूह हूँ
या किसी के ख़्वाहिशों की बुत हूँ?
क्या कभी किसी के लिए इंसान हूँ?
- जेन्नी शबनम (21. 2. 2009)
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अनुत्तरित प्रश्न है-
अहमियत क्या है मेरी?
कच्चा गोश्त हूँ, पिघलता जिस्म हूँ
बेजान बदन हूँ, भटकती रूह हूँ
या किसी के ख़्वाहिशों की बुत हूँ?
क्या कभी किसी के लिए इंसान हूँ?
- जेन्नी शबनम (21. 2. 2009)
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