तुम्हारी अतियों से डरती हूँ
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तुम्हारी अतियों से बहुत डरती हूँ
चाहे तुम्हारा प्यार हो या ग़ुस्सा।
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तुम्हारी अतियों से बहुत डरती हूँ
चाहे तुम्हारा प्यार हो या ग़ुस्सा।
जब प्यार में आसमान पर बिठाते हो
ज़मीं पर गिर जाने का भय होता है
जब गुस्से में सारा घर उठा लेते हो
बेघर हो जाने का ख़ौफ़ सताता है।
तुम्हारी हर अतियों से डरती हूँ
तुम क्यों नहीं समझ पाते हो?
मेरी साँसे जिस दिन थम जाए
ओह! तुम क्या करोगे?
तुम्हारी अति...
ओह! मेरे प्रियतम!
तुम ज़िन्दगी को देखो न
अपनी सोच से बाहर आकर
अपने अतियों से बाहर आकर।
मैं, तुम्हारी मैं,
तुम्हारी हर अतियों से बहुत डरती हूँ।
- जेन्नी शबनम (7. 10. 2009)
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tumhaari atiyon se darti hun
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tumhari atiyon se bahut darti hun,
chaahe tumhara pyaar ho yaa gussa.
jab pyaar mein aasmaan par bithaate ho
zameen par gir jaane ka bhaye hota hai
jab gussa mein sara ghar uthaa lete ho
beghar ho jaane ka khauf sataata hai.
tumhari har atiyon se darti hun,
tum kyun nahin samajh paate ho?
meri saansein jis din tham jaaye
ohh! tum kya karoge?
tumhaari ati...
ohh! mere priyatam!
tum zindgi ko dekho na,
apni soch se baahar aakar,
apne atiyon se baahar aakar.
main, tumhaari main,
tumhaari har atiyon se bahut darti hun.
- jenny shabnam (7. 10. 2009)
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