अल्फ़ाज़ उगा दूँ
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सोचती हूँ कुछ अल्फ़ाज़ उगा दूँ
तितर-बितरकर हर तरफ़ पसार दूँ
चुक गए हैं मेरे अंतस् से सभी
शायद किसी निर्मोही पल में
उनकी ज़रुरत पड़ जाए।
- जेन्नी शबनम (11. 11. 2011)
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सोचती हूँ कुछ अल्फ़ाज़ उगा दूँ
तितर-बितरकर हर तरफ़ पसार दूँ
चुक गए हैं मेरे अंतस् से सभी
शायद किसी निर्मोही पल में
उनकी ज़रुरत पड़ जाए।
- जेन्नी शबनम (11. 11. 2011)
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जेन्नी जी, आपकी अल्फाजों की खेती पसंद आई.यदि सकारात्मक और सार्थक अल्फाज बोये जाएँ तो किसी निर्मोही पल में ही नही हर पल ही काम आने वाले हैं जी.
जवाब देंहटाएंकबीरदास जी कहते हैं
टीला टीली ढाहि के, फोरी करै मैदान
समझ सफा करता चला,सोई शब्द निर्वान
जो ऊँच-नीच का भेद-भाव मिटाकर और सब
अहंकारों को फोड-तोड़ कर समता कर देते हैं
और बुद्धि को सैदेव शुद्ध करते चलते हैं,वे ही
मोक्षदायी निर्णय शब्द हैं.
आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार.
शब्द विचारों के वाहक हैं। ये तो ज़रूर उगने चाहिए।
जवाब देंहटाएंkitna kuch bhar diya is choti si kavita men.....bahut sunder.
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही बढि़या ...भावमय करते शब्द ।
जवाब देंहटाएंउगना ही चाहिए उन्हें...
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
sundar shabd rachna..
जवाब देंहटाएंkuch alfaaz ke bij .... shayad sannate mein kaam aa jaye
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी की जा रही है! सूचनार्थ!
जवाब देंहटाएंगहरे भावों वाली रचना बढ़िया प्रस्तुति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंshabd dhoondhtee sundar rachna ...
जवाब देंहटाएंअल्फ़ाज़ उगाने की बात पर एक बात और महत्त्वपूर्ण ढंग से आपने पेश की है और वह है-
जवाब देंहटाएंशायद किसी निर्मोही पल में
उनकी ज़रुरत पड़ जाए !
शब्द को शायद इसीलिए ब्रह्म कहा गया है;क्यों हर आड़े वक़्त में अल्फ़ाज़ ही बचाव करते हैं।
अल्फ़ाज उगा दूं,चुक गये हैं,मेरे अंतस से सभी,उनकी ज़रूरत पड जाय—सुंदर.
जवाब देंहटाएंbahut hi khub alfaj likhe hai mam aapne...
जवाब देंहटाएंjai hind jai bharat
अल्फाजों का ऐसा उपवन
जवाब देंहटाएंजो महकाता जाए जीवन
सुन्दर भाव...
सादर...
कुछ अल्फाजों की कमी सी है !
जवाब देंहटाएंउधार मिलें कुछ बीज तो...
मैं भी बो दूं
मन के सन्नाटे में !
khoobsoorat se zazbaat.....
कुछ अल्फाजों की कमी सी है !
जवाब देंहटाएंउधार मिलें कुछ बीज तो...
मैं भी बो दूं
मन के सन्नाटे में !
khoobsoorat se zazbaat....
bhut achchhi tarah se vyakt kiya hai aapne jenny ji...alphaz uge rahenge to samay pr avshya kaam aayenge...seekh deti hai yh rachna...badhai evam aabaar
जवाब देंहटाएंछोटी सी रचना में आपने सब कह दिया........
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पोस्ट ...
नए पोस्ट में स्वागत है....