मन की अभिव्यक्ति का सफ़र
एकदम सच.....जो परवाह नहीं करते वे रिश्ते प्रेम के होते ही नहीं...सुन्दर भाव जेन्नी जी.
आभार ।
बेहतरीनसादर
कल 26/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
प्रेम होता नहीं , वहम बनकर वक़्त बिताता है , फिर चुभता है
choti si.....bhawpoorn hai lekin.
सच है प्रेम का मतलब ही है की दूजे की परवाह करना ... बहुत खूब ...
http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/03/6.html
सही बात है। प्रेम की नींव ही परवाह है।
एकदम 100% सच.....
सटीक बात काही है ...
सही कहा आपने...उम्दा प्रस्तुति...
एकदम सही कहा है....
BAHUT KHOOB SHABNAM JI .BADHAILIKE THIS PAGE AND SHOW YOUR PASSION OF INDIAN HOCKEY मिशन लन्दन ओलंपिक हॉकी गोल्ड
जिस प्रेम में परवाह नहीं वो सिर्फ दिखावा है..गहन अभिव्यक्ति...
बिलकुल सच कहा आपने बहुत ही सुंदर एवं सार्थक रचना...
"जेन्नी शबनम जी बहुत भावपूर्ण कविता है ।परवाह में आपने सब कुछ समेट दिया है-सचमुच प्रेम एक दूसरे की परवाह करना ही है , भावना की क़्द्र करना ही प्रेम है ।
...प्रेम की आधारशिला परवाह होती है !वाह!
एकदम सच.....
जवाब देंहटाएंजो परवाह नहीं करते
वे रिश्ते प्रेम के होते ही नहीं...
सुन्दर भाव जेन्नी जी.
आभार ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
कल 26/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
प्रेम होता नहीं , वहम बनकर वक़्त बिताता है , फिर चुभता है
जवाब देंहटाएंchoti si.....bhawpoorn hai lekin.
जवाब देंहटाएंसच है प्रेम का मतलब ही है की दूजे की परवाह करना ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंhttp://bulletinofblog.blogspot.in/2012/03/6.html
जवाब देंहटाएंसही बात है। प्रेम की नींव ही परवाह है।
जवाब देंहटाएंएकदम 100% सच.....
जवाब देंहटाएंसटीक बात काही है ...
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने...
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति...
एकदम सही कहा है....
जवाब देंहटाएंBAHUT KHOOB SHABNAM JI .BADHAI
जवाब देंहटाएंLIKE THIS PAGE AND SHOW YOUR PASSION OF INDIAN HOCKEY मिशन लन्दन ओलंपिक हॉकी गोल्ड
जिस प्रेम में परवाह नहीं वो सिर्फ दिखावा है..गहन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच कहा आपने बहुत ही सुंदर एवं सार्थक रचना...
जवाब देंहटाएं"जेन्नी शबनम जी बहुत भावपूर्ण कविता है ।परवाह में आपने सब कुछ समेट दिया है-सचमुच प्रेम एक दूसरे की परवाह करना ही है , भावना की क़्द्र करना ही प्रेम है ।
जवाब देंहटाएं...प्रेम की आधारशिला परवाह होती है !
जवाब देंहटाएंवाह!