क्रान्ति-बीज बन जाना
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रक्त-बीज से पनपकर
कोमल पंखुड़ियों-सी खिलकर
सूरज को मुट्ठी में भर लेना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
नाज़ुक हथेलियों पर
अंगारों की लपटें दहकाकर
हिमालय को मन में भर लेना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
कोमल काँधे पर
काँटों की फ़सलें उगाकर
फूलों को दामन में भर लेना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
मन की सरहदों पर
सन्देहों के बाड़ लगाकर
प्यार को सीने में भर लेना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
जीवन-पथ पर
जब वार करे कोई अपना बनकर
नश्तर बन पलटवार कर देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
अनुकम्पा की बात पर
भिड़ जाना इस अपमान पर
बन अभिमानी भले जीवन हार देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
सिर्फ़ अपने दम पर
सपनों को पंख लगाकर
हर हार को जीत में बदल देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना।
-जेन्नी शबनम (7.1.2013)
[पुत्री के 13वें जन्मदिन पर]
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लड़कियों को बचपन से ही आत्मरक्षा की ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से दी जाये। हर जगह पुलिस का पहरा नहीं लगाया जा सकता .
जवाब देंहटाएंbadhiya soch.
इश्वर तुम में वह ताप, वह ढृढ़ता ,वह आत्म विश्वास, वह स्वाभिमान भर दे ....और तुम सदा विजयी हो ...बहुत सुन्दर जेनी जी...!
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna .......ab vakt hai kranti bij ban jane ki
जवाब देंहटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और जोश जगाने वाली रचना।
जवाब देंहटाएंBahut hee sundar rachana!
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंप्रेरक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमन की सरहदों पर
जवाब देंहटाएंसंदेहों के बाड़ लगाकर
प्यार को सीने में भर लेना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना ! .... मैं साथ हूँ इस सिंचन में
achhe shabd..
जवाब देंहटाएंjabardast kranti sikha rahin hain aap ..mast.
जवाब देंहटाएंप्रभावी,
जवाब देंहटाएंशुभकामना,
जारी रहें !!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज)
बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंघाव पर मलहम की तरह....
सादर
अनु
जीवन पथ पर
जवाब देंहटाएंजब वार करे कोई अपना बनकर
नश्तर बन पलटवार कर देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना,,,
बहुत शानदार प्रेरक अभिव्यक्ति,,,
recent post: वह सुनयना थी,
सटीक और ओजपूर्ण प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंअनुकम्पा की बात पर
जवाब देंहटाएंभिड़ जाना इस अपमान पर
बन अभिमानी भले जीवन हार देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !
- आज की स्थितियों में यही संदेश सबसे सही है !
इस रचना की सराहना के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद. यूँ तो यह रचना मैंने अपनी बेटी के जन्मदिन पर लिखी है लेकिन इस रचना के माध्यम से तमाम बेटियों तक अपनी बात पहुँचाना चाहती हूँ. सभी का शुक्रिया और शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंbahut achha likha h aapne
जवाब देंहटाएंअनुकम्पा की बात पर
जवाब देंहटाएंभिड़ जाना इस अपमान पर
बन अभिमानी भले जीवन हार देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !
सिर्फ अपने दम पर
सपनों को पंख लगा कर
हर हार को जीत में बदल देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !
आज की परिस्थिति यह सही सन्देश सभी बेटियों के लिए.
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बहुत ख़ूब वाह!
जवाब देंहटाएंअति सुंदर कृति
जवाब देंहटाएं---
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सिर्फ अपने दम पर
जवाब देंहटाएंसपनों को पंख लगा कर
हर हार को जीत में बदल देना
तुम क्रान्ति-बीज बन जाना !
ये भाव हर मां के मन में यूँ ही पल्लवित एवं पोषित होता रहे ...
आभार
हमारे पेरेण्ट्स कवि क्यों नहीं थे।
जवाब देंहटाएंइससे बढिया गिफ़्ट जन्म दिन पर क्या हो सकता है!
एक सफल माँ से बेहतर क्रांति - बीज कोई हो ही नहीं सकता | बिटिया को जन्म दिन की बधाई |आप को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं |
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