सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

382. जाड़ा भागो (13 हाइकु) पुस्तक 29, 30

जाड़ा भागो

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1.
आँख मींचती
थर-थर काँपती 
ठंडी हवाएँ।

2.
आलसी दिन 
है झटपट भागा 
जो जाड़ा दौड़ा।

3.
सूरज सोता 
सर्द-सर्द मौसम
आग तापता।

4.
ज़रा-सी धूप 
पिटारी में छुपा लो 
सर्दी के लिए।

5.
स्वेटर-शाल
मन में इतराए 
जाड़ा जो आए।

6.
हार ही गई 
ठिठुरती हड्डियाँ
असह्य शीत। 

7.
कुनमुनाता
गीत गुनगुनाता  
सूरज जागा।

8.
मोती-सी बिछी 
सारी रात बिखरी
जाड़े की ओस। 

9.
सूर्य अकड़ू     
कम्बल औ रजाई 
देते दुहाई।

10.
दिन काँपता 
रात है ठिठुरती
ऐ जाड़ा, भागो!

11.
रस्सी पे टँगा   
घना काला कोहरा 
दिन औ रात।  

12.
सूर्य देवता 
अब जाग भी जाओ 
जाड़ा भगाओ।  

13.
सूरज जागा 
धूप खिलखिलाई   
कोहरा भागा।

- जेन्नी शबनम (26. 12. 2012)
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18 टिप्‍पणियां:

  1. भागते जाड़े का बहुत सजीव और नुतन भाव से परिपूर्ण चित्रण । भाषा की कमनीयता और विश्वसनीयता हाइकु को और अधिक मुखर कaर देती है । बहुत बधाई जेन्नी शबनम जी !

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  2. सूरज जागा
    धूप खिलखिलाई
    कोहरा भागा ।

    बहुत बेहतरीन सुंदर हाइगा,,,

    recent post: बसंती रंग छा गया

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  3. बहुत सुंदर हाइकु जेन्नी जी ...!!

    शुभकामनायें ....!!

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  4. ब्लोग परिवार से घूमता-घूमता यहा पहुँचा, पूर्व एक बार आ चुका हूँ यहाँ।
    अच्छी रचनाएँ है।
    http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0
    ।।।।।
    https://plus.google.com/app/basic/112760643639266649999/about

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  5. डॉ साहिबा आपने तो गजब ढा दिया खुबसूरत हाइकू

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  6. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि कि चर्चा कल मंगल वार 19/2/13 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका हार्दिक स्वागत है

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  7. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि कि चर्चा कल मंगल वार 19/2/13 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका हार्दिक स्वागत है

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  8. अच्छी हाय्गा , सार्थक

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  9. गर्मी का क्या करेंगे :)
    शुभकामनायें आपको !

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  10. बहुत सुन्दर हाइकू .......

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