बुधवार, 21 अगस्त 2013

417. मन के नाते (राखी पर 12 हाइकु) पुस्तक 43,44

मन के नाते (राखी के हाइकु) (12 हाइकु)

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1.
हाथ पसारे 
बँधवाने राखी 
चाँद तरसे। 

2.
सूनी कलाई 
बहना नहीं आई
भैया उदास। 

3.
बाँधो मुझे भी
चन्दा मामा कहता 
सुन्दर राखी।

4.
लाखों बहना
बाँध न पाए राखी 
भैया विदेश।

5.
याद रखना-
बहन का आशीष
राखी कहती।

6.
राखी की लाज
रखना मेरे भैया 
ढाल बनना।

7.
ये धागे कच्चे
जोड़ते रिश्ते पक्के
होते ये सच्चे।  

8.
किसको बाँधे
हैं सारे नाते झूठे  
राखी भी सोचे।

9.
नेह लुटाती 
आजीवन बहना 
होती पराई।

10.
करता याद
बस आज ही भैया 
राखी जो आई।

11.
नहीं है आता 
मनाने अब भैया  
अब जो रूठी।

12.
है अनमोल 
उऋण होऊँ कैसे 
मन के नाते

- जेन्नी शबनम (21. 8. 2013)
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18 टिप्‍पणियां:

  1. नेह के रिश्ते को पूर्णता से प्रकट करती है पोस्ट!
    शुभकामनाएं!

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  2. भाई बहन के पावन प्रेम के प्रतीक रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ.!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज बुधवार (21-08-2013) को हारे भारत दाँव, सदन हत्थे से उखड़े- चर्चा मंच 1344... में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल गुरुवार (22-08-2013) को "ब्लॉग प्रसारण- 93" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

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  4. बहन आपके सभी हाइकु भाव-विभोर करने वाले हैं।राखी -पर्व पर आपके सुखमय जीवन के लिए अनन्त शुभकामनाएँ । अन्तिम हाइकु की अनुगूँज मन में बहुत देरे तक बनी रहती है ।

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  5. सुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई। कभी यहाँ भी पधारें।
    सादर मदन
    http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
    http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

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  6. रक्षा बंधन से जुड़े पहलुओं को बाखूबी उतारा है इन हाइकू में ... बहुत सुन्दर भाव ...
    रक्षा बंधन की बधाई ओर शुभकामनायें ...

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  7. उत्तम ! अति उत्तम !!

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  8. भाई बहन के प्रेम को आपने अपने शब्दों मे ढालकर जैसे भावनाओं में प्राण भर दिए है .. आप बहुत अच्छा लिखती हो शबनम जी . मैं साझा संसार पर कुछ कहने वाला था , फिर मैं लम्हों के सफ़र पर आ गया .. यहाँ लिखा ही इतना अच्छा है ..

    दिल से बधाई स्वीकार करे.

    विजय कुमार
    मेरे कहानी का ब्लॉग है : storiesbyvijay.blogspot.com

    मेरी कविताओ का ब्लॉग है : poemsofvijay.blogspot.com

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  9. बहुत सुंदर भावपूर्ण हाइकु जेन्नी जी...
    "रक्षा-बंधन की हादिक शुभकामनाएँ !"

    ~सादर!!!

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  10. बहुत सुंदर हाइकू ,

    यहाँ भी पधारे

    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/08/blog-post_6131.html

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  11. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति आज रविवार (22-08-2013) को "ब्लॉग प्रसारण- 93" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

    जवाब देंहटाएं
  12. है अनमोल
    उऋण होऊँ कैसे
    मन के नाते !

    एक से बारह तक खुबसूरत हाइकु जिसमे प्रेम, स्नेह, ममता, लाड, और भाई का बिछोह भरा वाह

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  13. aapke haaeku pad kar lagaa ki behne raakhi par apne bhaeeyon ka kitni besabri se intjaar karti hai,
    vakeii yeh bhai bahan ka pvitr rishta hai.pad kar achchha laga.bahut hee khubsurti se bhavon ko ukera hai,badhai.

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