मंगलवार, 20 मई 2014

457. दुआ के बोल (दुआ पर 5 हाइकु) पुस्तक 56

दुआ के बोल

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1. 
फूले व फले
बगिया जीवन की  
जन-जन की। 

2.
दुआ के बोल 
ब्रह्माण्ड में गूँजते 
तभी लगते।  
  
3.
प्रेम जो फले 
अपनों के आशीष  
फूल-से झरें। 

4.
पाँव पखारे 
सुख-शान्ति का जल 
यही कामना। 

5.
फूल के शूल 
कहीं चुभ न जाए 
जी घबराए। 

- जेन्नी शबनम (13. 5. 2014)
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