दुआ के बोल
*******
1.
फूले व फले
बगिया जीवन की
जन-जन की।
2.
दुआ के बोल
ब्रह्माण्ड में गूँजते
तभी लगते।
3.
प्रेम जो फले
अपनों के आशीष
फूल-से झरें।
4.
पाँव पखारे
सुख-शान्ति का जल
यही कामना।
5.
फूल के शूल
कहीं चुभ न जाए
जी घबराए।
- जेन्नी शबनम (13. 5. 2014)
____________________
bahut sundar...........
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना बुधवार 21 मई 2014 को लिंक की जाएगी...............
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (21-05-2014) को "रविकर का प्रणाम" (चर्चा मंच 1619) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
सुंदर कोमल भाव ...बहुत सुंदर हाइकु जेन्नी जी ...!!
जवाब देंहटाएंमन को छूते हाइकू
जवाब देंहटाएंसुन्दर....
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह लाजवाब
जवाब देंहटाएं..बहुत ही उम्दा
शूल भी तो हैं उसी बहार का हिस्सा जिससे खिल उठेगा चमन।
जवाब देंहटाएंbohot hi khoob jenni ji .....badhai aapko :)
जवाब देंहटाएंपढ़े आपके
जवाब देंहटाएंमनोयोग से गढ़े
सभी हाइकू।
बड़ा सही है
आपका ये चयन
लिखें हाइकू।
आप आई थीं
बधाइयां लेकर
ऋणी आपका।