मंगलवार, 15 अगस्त 2017

555. कैसी आज़ादी पाई (स्वतंत्रता दिवस पर 4 हाइकु) पुस्तक - 91, 92

कैसी आज़ादी पाई  

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1.  
मन है क़ैदी,  
कैसी आज़ादी पाई?  
नहीं है भायी   

2.  
मन ग़ुलाम  
सर्वत्र कोहराम,  
देश आज़ाद   

3.  
मरता बच्चा  
मज़दूर, किसान,  
कैसी आज़ादी?  

4.  
हूक उठती,  
अपने ही देश में  
हम ग़ुलाम   

- जेन्नी शबनम (15. 8. 2017)  
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