कैसी आज़ादी पाई
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1.
मन है क़ैदी,
कैसी आज़ादी पाई?
नहीं है भायी।
2.
मन ग़ुलाम
सर्वत्र कोहराम,
देश आज़ाद।
3.
मरता बच्चा
मज़दूर, किसान,
कैसी आज़ादी?
4.
हूक उठती,
अपने ही देश में
हम ग़ुलाम।
- जेन्नी शबनम (15. 8. 2017)
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