सरमाया
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ये कैसा दौर आया है, पहर-पहर भरमाया है
कुछ माँगूँ तो ईमान मरे, न माँगूँ तो ख़्वाब मरे
क़िस्मत से धक्का-मुक्की, पोर-पोर घबराया है
जद्दोज़हद में युग बीते, यही मेरा सरमाया है।
- जेन्नी शबनम (1. 7. 2019)
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