मंगलवार, 5 जनवरी 2021

706. कहानियाँ (5 क्षणिका)

कहानियाँ  

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1.
कहानी 
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कहानी में मैं मुझमें ही कहानी   
कहता कौन सुनता कौन   
पन्नों पर रच दी कहानी   
और मैं बन गई इतिहास।

2.
छोटी कहानी
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छोटे-छोटे लम्हों में   
यादों की ढेरों कतरन हैं   
सबको इकट्ठाकर   
छोटी-छोटी कहानी रचती हूँ   
अकेलेपन में यादों से कहानियाँ निकल   
मेरे चेहरे पे खिल जाती हैं।   

3. 
मेरी कहानी 
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मेरे युग के प्रारम्भ से   
मेरे युग के अंत तक की   
कथा लिख दी किसी ने   
किसने, यह नहीं मालूम   
न भाषा मालूम न लिखावट   
पर इतना मालूम है 
कहानी मेरी है।

4.
एक कहानी 
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रात के धागे में हर रोज़   
यादों के मोती पिरोती हूँ   
हर मोती एक कहानी   
हर कहनी मेरी ज़िन्दगी   
अब सब चाँद के लॉकर में   
रख दिया है संजोकर   
जीवन के अमावस में   
ज़रूरत पड़ेगी।   

5. 
असली कहानी 
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बचपन की कहानी बड़ी निराली   
दो पंक्तियों में पूरी कहानी   
एक था राजा एक थी रानी   
दोनों मर गए ख़तम कहानी   
तब मालूम कहाँ था   
जीने और मरने के बीच बनती है   
जीवन की असली कहानी।   

- जेन्नी शबनम (5. 1. 2021)
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8 टिप्‍पणियां:

  1. छोटे-छोटे लम्हों से निकल कर युगों को पार करती कहानी ही आखिर में इतिहास बनती या कहें कि इतिहास रचती है.
    बहुत सुन्दर

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  2. नव वर्ष मंगलमय हो। सुन्दर सृजन।

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (06-01-2021) को "अभी बहुत कुछ सिखायेगी तुझे जिंदगी"     (चर्चा अंक-3938)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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  4. ......

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 6 जनवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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