1.
मन गुल्लक
ख़ुशियों का ख़ज़ाना
ख़त्म न होता।
2.
मन है बना
ख़ुशियों का गुल्लक
कोई न लूटे।
3.
भर के रखो
ख़ुशियों का गुल्लक
भले ही टूटे।
4.
भरा गुल्लक
ख़ुशियों का रुपया
मेरा ख़ज़ाना।
5.
मेरा गुल्लक
ख़ुशियों से है भरा
कभी न टूटा।
- जेन्नी शबनम (19.12.2023)
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वाह
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जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 21 दिसंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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