गुलमोहर
*******
1.
उनका आना
जैसे मन में खिला
गुलमोहर।
2.
खिलता रहा
गुलमोहर फूल
पतझर में।
3.
तुम्हारी छवि
जैसे दोपहरी में
गुलमोहर।
4.
झरी पत्तियाँ
गुलमोहर हँसा
आई बहार।
5.
झूमती हवा
गुलमोहर झूमा
रुत सुहानी।
6.
उसकी हँसी-
झरे गुलमोहर
सुर्ख़ गुलाबी।
7.
गुलमोहर!
तुमसे ही है सीखा
खिले रहना।
8.
खिलता रहा
गुलमोहर-गाछ
शेष मुर्झाए।
9.
सजाके पथ
रहता है बेफ़िक्र
गुलमोहर।
10.
हवा ने कहा-
गुलमोहर सुन
साथ में उड़।
11.
उड़के आया
गुलमोहर फूल
मेरे अँगना।
12.
पसरा रंग
गुलमोहर-गंध
बैसाख ख़ुश।
13.
आम्र-मंजरी
फूल गुलमोहर
दोनों चहके।
14.
सुर्ख़ फूलों-सा
तेरा रंग खिला, ज्यों
गुलमोहर।
15.
गुलमोहर
क़तार में हैं खड़े
प्रहरी बड़े।
16.
पलाश फूल
गुलमोहर फूल
दोनों आओ न।
- जेन्नी शबनम (2. 5. 2013)
___________________
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबढिया
वाह बहुत बहुत सुन्दर.......
जवाब देंहटाएंसभी खूबसूरत!!!
सादर
अनु
बहुत बेहतरीन सुंदर हाइकू ,,,बधाई
जवाब देंहटाएंRECENT POST : बेटियाँ,
GULMOHAR SE SUSAJJIT KAVITAAYEN
जवाब देंहटाएंMAN MEIN SUGANDH BHAR GAAYEE HAIN .
जवाब देंहटाएंतुम्हारी छवि
जैसे दोपहरी में
गुलमोहर !------
वाह गुलमोहर का क्या बिम्ब उकेरा है
वाकई गुलमोहर धूप में देता है छाँव
गजब की रचना
सादर
आग्रह हैं पढ़े
ओ मेरी सुबह--
http://jyoti-khare.blogspot.in
आपकी इस बेहतरीन रचना ने "दुष्यंत कुमार " की यद् दिल दी .
जवाब देंहटाएंजियें तो अपने आँगन में गुलमोहर के तले
मरें तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिए
जवाब देंहटाएंखूब खिलखिलाता
ग्रीष्म के ताप पर गुलमोहर
तालियाँ बजाता !
बहुत ही सुन्दर, भावपूर्ण और सशक्त लेखनी | शानदार अभिव्यक्ति | सादर आभार |
जवाब देंहटाएंआप भी कभी यहाँ पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
पलाश फूल
जवाब देंहटाएंगुलमोहर फूल
दोनों आओ न !
सभी हाइकु जबरदस्त .... लाजवाब प्रस्तुति
सादर
गुलमोहर के रंग में रगे ... सभी हाइकू बहुत लाजवाब हैं ... खिलते हुए हर रंग में ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और बेहतरीन हाइकू,धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंये भी प्रकृति का अनुपम उपहार है गुलमोहर जेठ में भी अपनी लालिमा बनाये रखता है ******
जवाब देंहटाएंखुबसूरत हाइकु
बहुत ही खुबसूरत रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएं@मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ
जवाब देंहटाएंछोटे छोटे बिम्बों से बेहद भावपूर्ण प्रेमरस में
गुलमोहर को बांधा है
वाकई गुलमोहर तपती धुप में खिलता है ,,देता है छांव
बहुत सुंदर रचना
बधाई
आग्रह है पढें
तपती गरमी जेठ मास में---
http://jyoti-khare.blogspot.in
bahut sundar shabdon ke moti ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत हाइकु!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (03-06-2013) के :चर्चा मंच 1264 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ |
सुन्दर हाइकु । बधाई !
जवाब देंहटाएं