शुभ-शुभ
*******
हज़ारों उपाय, मन्नतें, टोटके
अपनों ने किए ताकि अशुभ हो
मगर ग़ैरों की बलाएँ, परायों की शुभकामनाएँ
निःसंदेह कहीं तो जाकर लगती हैं
वर्ना जीवन में शुभ-शुभ कहाँ से होता।
वर्ना जीवन में शुभ-शुभ कहाँ से होता।
- जेन्नी शबनम (15. 1. 2015)
____________________
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (16.01.2015) को "अजनबी देश" (चर्चा अंक-1860)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंअच्छा कताख है ... किसी के कुछ करने से कुछ नहीं होता .. अपना मन साफ़ हो तो ...
जवाब देंहटाएंमकर सक्रांति की हार्दिक मंगलकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रभावी रचना...मंगलकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएं