सोमवार, 7 सितंबर 2009

82. तुम्हें इंसान बना दिया

तुम्हें इंसान बना दिया

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सज़दे में झुक गया सिर
जब रगों में इश्क़ पसर गया
वक़्त की देने गवाही
देखो! ख़ुदा भी ज़मीन पे उतर गया 

पहलू में एक बुत था
तुमने जीवन भर दिया
पाकीज़गी का ये आलम देखो
अश्कों में तुमने, चरणामृत भर दिया 

अपनी हँसी तुम्हें थमाकर
तुममें दर्द भी भर दिया
फ़रिश्ता हो अब भी, तुम मेरे
देखो! आज तुम्हें इंसान कर दिया 

अब जाओगे कैसे, कहीं तुम
तुम्हें अपने दिल में समा दिया
हम कहते थे, कि तुम ख़ुदा हो
जाओ, आज तुम्हें इंसान बना दिया 

- जेन्नी शबनम (3. 9. 2009)
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tumhen insaan banaa diya

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sazde mein jhuk gaya sir
jab ragon mein, ishq pasar gaya
waqt kee dene gawaahi 
dekho! khudaa bhi zameen pe utar gaya.

pahloo mein ek but tha
tumne jiwan bhar diya
paakeezgi ka ye aalam dekho
ashqon mein tumne, charanaamrit bhar diya.

apni hansi tumhein thamakar
tum.mein dard bhi bhar diya
farishtaa ho ab bhi, tum mere
dekho! aaj tumhein insaan kar diya.

ab jaaoge kaise, kahin tum
tumhein apne dil mein samaa diya
hum kahte they, ki tum khuda ho
jaao, aaj tumhein insaan banaa diya.

- jenny shabnam (3. 9. 2009)
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3 टिप्‍पणियां:

  1. अब जाओगे कैसे, कहीं तुम,
    तुम्हें अपने दिल में, समा दिया|
    हम कहते थे, कि तुम ख़ुदा हो,
    जाओ, आज तुम्हें इंसान बना दिया|...bahut khoob ehsaas

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  2. हम कहते थे, कि तुम ख़ुदा हो,
    जाओ, आज तुम्हें इंसान बना दिया|Very touching lines

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  3. Di ... kya ho aap ? bahut hi behtarin ehsaas...!

    अब जाओगे कैसे, कहीं तुम,
    तुम्हें अपने दिल में, समा दिया|
    हम कहते थे, कि तुम ख़ुदा हो,
    जाओ, आज तुम्हें इंसान बना दिया|.... tooo Good

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