गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

381. प्रेम का जादू (वेलेन्टाइन डे पर 7 हाइकु) पुस्तक 28

प्रेम का जादू 

*******

1.
प्रेम का पाग
घीमे-धीमे पकता
जो प्रेम सच्चा। 

2.
ख़ुद में लीन
गिरता-सँभलता
प्रेम अनाड़ी। 

3.
प्रेम का जादू 
सिर चढ़के बोले
जिसको लगे। 

4.
प्रेम की माला 
सब कोई जपता 
प्रेम न बूझा। 

5.
प्रेम की अग्नि 
ऊँच-नीच न देखे 
मन में जले। 

6.
प्रेम का काढ़ा
हर रोग की दवा 
पी लो ज़रा-सा। 

7.
प्रेम बंधन 
न रस्सी न साँकल
पर अटूट। 

- जेन्नी शबनम (14. 2. 2013)
____________________ 
   

20 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम में रचे
    सुंदर हैं हाइकु
    सारे के सारे ... :) :)

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  2. प्रेम पर अच्छी रचनाएँ।

    http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0

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  3. बेह्तरीन अभिव्यक्ति .

    प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी
    प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है

    प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुम
    प्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार पर हर किसी का अधिकार है

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  4. प्रेम का काढ़ा
    हर रोग की दवा
    ज़रा-सा पी लो.

    7.
    प्रेम बंधन
    न रस्सी न साँकल
    पर अटूट.
    सब मर्जो का एक दवा "प्रेम"-बिना बंधन के बंधन
    Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !

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  5. प्रेम की अग्नि
    ऊँच-नीच न देखे
    मन में जले.------प्रेम की सुंदर अनुभूति छोटी छोटी
    कलियों के रूप में जो आपने व्यक्त की हैं,कमाल की हैं
    बहुत बहुत बधाई

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  6. बहुत प्यारे हायकू....
    अद्भुत प्रेम का जादू दिखाते....

    सादर
    अनु

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  7. प्रेम बंधन
    न रस्सी न साँकल
    पर अटूट....

    बहुत शानदार उम्दा हाइकू ,,,

    recent post: बसंती रंग छा गया

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  8. प्रेम के रूप
    वसंत का रंग,
    सारे ही कुओं में घुली भंग!

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  9. बहुत सुन्दर रचना तमाम भावनाओं को समेटे हुए..

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  10. शबनम जी अपने प्यार की शबनम यहाँ भी बरसाएँ
    http://guzarish6688.blogspot.in/
    कुछ हाइकू इधर भी लगाएँ

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  11. प्रणय दिन
    पे प्यार की फुहार
    फूलों के संग

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  12. प्रेम बंधन
    न रस्सी न साँकल
    पर अटूट.

    सवा लाख की एक बात प्रेम प्रेम और प्रेम

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  13. लाजवाब है आपका यह हाइकु ऽन्य भी मर्मस्पर्शी हैं।
    रेम बंधन
    न रस्सी न साँकल
    पर अटूट.

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  14. प्रेम बंधन
    न रस्सी न साँकल
    पर अटूट.sunder rachana, badhaii ho!

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  15. बहुत बढि़या, प्रेम अहसास (भाव) - कुछ विचारों की पुनरावृत्ति (अहसास), जो वि-िभन्न प्रेमियों के विचारों में उभयनिष्ठ विचारों का संग्रह हैं ।

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