सोमवार, 18 मार्च 2013

391. तुम्हें पसंद जो है (क्षणिका)

तुम्हें पसंद जो है

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तस्वीरों में तुम बड़े दिलकश लगते हो  
आँखों में शरारत, होंठों पर मुस्कुराहट
काली घनी लटें, कपाल को ज़रा-ज़रा-सी ढकती हुई
तस्वीर वही कहती है, जो मेरा मन चाहता है 
मेरे मनमाफ़िक तस्वीर खिंचवाना, तुम्हें पसंद जो है। 

- जेन्नी शबनम (18. 3. 2013)
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10 टिप्‍पणियां:

  1. :-)))...बहुत सुंदर! अपने-अपने से भाव.....
    ~सादर!!!

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  2. वाह! अंतस के अहसासों की बहुत प्यारी अभिव्यक्ति..

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  3. 'तस्वीर वही कहती है
    जो मेरा मन चाहता है..'
    - और सबसे अच्छी बात कि सामने रख कर जब चाहे कहलवा लो!

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  4. बहुत ही सुन्दर भाव,आभार.
    दुनिया के बाज़ार में , रही प्रीत अनमोल ।
    ले जाये जो दे सके , मन से मीठे बोल ।।

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  5. तस्वीर वही कहती है
    जो मेरा मन चाहता है

    ये तो कमाल ही कर दिया आपने

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  6. बहुत खूब ...
    अपने अनुसार शब्द जो रख पाते हैं हम ... तभी तो तस्वीरें अच्छी लगती हैं ...

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