बुधवार, 27 मार्च 2013

395. होली के रंग (8 हाइकु) पुस्तक 32, 33

होली के रंग

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1.
रंग में डूबी 
खेले होरी दुल्हिन  
नई नवेली। 

2. 
मन चितेरा 
अब तक न आया 
फगुआ बीता। 

3.
धरती रँगी 
सूरज नटखट 
गुलाल फेंके। 

4.
खिलखिलाया 
रंग और अबीर
वसंत आया। 

5.
उड़ती हवा 
बिखेरती अबीर 
रंग बिरंगा। 

6.
तन पे चढ़ा 
फागुनी रंग जब,
मन भी रँगा।  

7.
ओ मेरे पिया 
करके बरजोरी
रंग ही दिया। 

8.
फागुनी हवा 
उड़-उड़ बौराती
रंग रंगीली। 

- जेन्नी शबनम (27. 3. 2013)
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14 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर मनमोहक हाइकु .....जेन्नी जी ....!!

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  2. सभी बहुत ही सुन्दर है...
    होली पर्व की शुभकामनाएँ...
    :-)

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  3. बहुत खूबसूरत हाइकू जेनी जी ..वाकई मन रंग गया...होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ

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  4. होली के रंग में डूबे लाजबाब हाइकू ,,,
    आपको होली की हार्दिक शुभकामनाए,,,


    Recent post: होली की हुडदंग काव्यान्जलि के संग,

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  5. फागुनी रंग
    बिखर गये शब्दों में,
    भरते उमंग!

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  6. बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति । आपको और आपके पूरे परिवार को रंगों के त्योहार होली की शुभ कामनाएँ

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  7. हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार भावसंयोजन .आपको बधाई.होली की हार्दिक शुभ कामना .


    ना शिकबा अब रहे कोई ,ना ही दुश्मनी पनपे
    गले अब मिल भी जाओं सब, कि आयी आज होली है

    प्रियतम क्या प्रिय क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं
    हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .

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  8. होली के रंगों को सिमित शदोब मिएँ उतार दिया ...
    सभी लाजवाब ...

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  9. डॉ जेन्नी शबनम जी आपने अबीर, गुलाल, और रंगों से वातावरण को सराबोर कर दिया ..

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार के चर्चा मंच-1198 पर भी होगी!
    सूचनार्थ...सादर!
    --
    होली तो अब हो ली...! लेकिन शुभकामनाएँ तो बनती ही हैं।
    इसलिए होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  11. तन पे चढ़ा
    फागुनी रंग जब
    मन भी रँगा !

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