गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

442. वसंत ऋतु (वसंत ऋतु पर 4 हाइकु) पुस्तक - 51

वसंत ऋतु

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1.
हवा बसंती 
उड़ाकर ले गई 
सोच ठिठुरी।  

2. 
बसंती फूल 
चहुँ ओर हैं खिले 
ऋतु ने दिए।  

3. 
वसंत आया
ठंड से था सिकुड़ा
तिमिर भागा। 

4.
उजले पीले
बसंत ने बिखेरे  
रंग अनोखे। 

- जेन्नी शबनम (4. 2. 2014)
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12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर वासंती हायकू.....

    अनु

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  2. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (07.02.2014) को " सर्दी गयी वसंत आया (चर्चा -1515)" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है,धन्यबाद।

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  3. वासंती रंग में डूबे हाइकू बहुत अच्छे बने हैं |
    आशा

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  4. सुंदर हाइकू, वासंती रंग में रंगे।

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  5. वासंती रंग में रंगे बहुत सुन्दर हाइकू !

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  6. उजले पीले
    बसंत ने बिखेरे
    रंग अनोखे!

    बसंत ऋतु का आगमन मन में स्फूर्ति का संचार करता है। इस हायकू की जितनी भी प्रशंसा की जाए थोड़ी है। मेरी नई कविता "समय की भी उम्र होती है", पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है।

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