यादें, न आओ
*******
*******
1.
मीठी-सी बात
पहली मुलाक़ात
आई है याद।
2.
दुःखों का सर्प
यादों में जाके बैठा
डंक मारता।
3.
गहरे खुदे
यादों की दीवार पे
ज़ख़्मों के निशाँ।
4.
तुम भी भूलो,
मत लौटना यादें,
हमें जो भूले।
5.
पराए रिश्ते
रोज़ याद दिलाते
देते हैं टीस।
6.
रोज़ कहती
यादें बचपन की-
फिर से जी ले।
7.
दिल दुखाते
छोड़ गए जो नाते,
आती हैं याद।
8.
पीछा करता,
भोर-साँझ-सा चक्र
यादों का चक्र।
9.
यादों का पंछी
दाना चुगने आता
आवाजें देता।
10.
दुःख की बातें,
यादें, न आओ रोज़,
जीने दो मुझे।
- जेन्नी शबनम (15. 9. 2020)
_____________________
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (18-09-2020) को "सबसे बड़े नेता हैं नरेंद्र मोदी" (चर्चा अंक-3828) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!--
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंरोज़ कहती
यादें बचपन की -
फिर से जी ले!
बहुत सुंदर सृजन वर्षा जी,सादर नमन
वाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन
वाह !बेहतरीन दी 👌👌
जवाब देंहटाएंलाजवाब हायकु...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
दुख की बातें,
यादें, न आओ रोज़,
जीने दो मुझे!
दिल में बसी
जवाब देंहटाएंमिटीं न जो कभी भी
वे यादें ही हैं.