पर्यावरण (20 हाइकु) 
*** 
1. 
द्रौपदी-धरा   
दुश्शासन मानव   
चीर हरण।   
2. 
पाँचाली-सी भू   
कन्हैया भेजो वस्त्र!   
धरा निर्वस्त्र।   
3. 
पेड़ ढकती   
ख़ामोश-सी पत्तियाँ   
करें न शोर।   
4. 
वृद्ध पत्तियाँ   
चुपके झरी, फूटीं    
नई कोपलें।   
5.   
पुराना भूलो   
नूतन का स्वागत   
यही प्रकृति।   
6. 
पत्तियाँ नाची   
सावन की फुहार   
पेड़ हर्षाया।   
7. 
प्रकृति हाँफी   
जन से होके त्रस्त   
देगी न माफ़ी।   
8.
कैसा ये अन्त   
साँसें बोतलबन्द    
ख़रीदो, तो लो।   
9. 
मानव लोभी   
दुत्कारती प्रकृति-   
कब चेतोगे?   
10. 
कोई न पास   
साइकिल उदास,   
गाड़ी ही ख़्वाब।   
11. 
विषैले प्राणी   
विषाणु व जीवाणु   
झपटे, बचो!   
12. 
पीके गरल   
हवा फेंके ज़हर,   
दोषी मानव।   
13. 
हवा व पानी   
सब हैं प्रदूषित,   
काया दूषित।   
14. 
दूरी है बढ़ी   
प्रकृति को असह्य,   
झेलो मानव।   
15. 
प्रकृति रोती   
मानव विनाशक   
रोग व शोक।   
16. 
असह्य व्यथा   
किसे कहे प्रकृति   
नर असंवेदी।   
17. 
फैली विकृति   
अभिमानी मानव   
हारी प्रकृति।   
18. 
दुनिया रोई   
कुदरत भी रोई,   
विनाश लीला।   
19. 
पर्यावरण   
प्रदूषण की मार   
साँसें बेहाल।   
20. 
धुँध या धुआँ,   
प्रदूषित संसार,   
समझें कैसे?   
-जेन्नी शबनम (5.6.2021) 
(विश्व पर्यावरण दिवस)
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बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंसारगर्भित व शिक्षाप्रद रचना - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंउम्दा सृजन
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन हैं सभी हाइकू ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन हैं सभी हाइकू ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन हैं सभी हाइकू ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंदुशासन मानव
जवाब देंहटाएंचीर हरण।
2.
पाँचाली-सी भू
कन्हैया भेजो वस्त्र
धरा निर्वस्त्र।
....सटीक अभिव्यक्ति,लाजवाब हाइकु रचने के लिए शुभकामनाएं आपको ।
आपकी लिखी रचना सोमवार 7 जून 2021 को साझा की गई है ,
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।संगीता स्वरूप
सीमित शब्दों में सशक्त अभिव्यक्ति। काश कभी इतना प्रभावी लिख सकूँ।
जवाब देंहटाएंकृष्ण पहुंचे
जवाब देंहटाएंरोका चीरहरण
बचाई लाज
पर्यावरण ही
साँसों का जीवन है
चेतता जग
आपके सशक्त हाइकू से कुछ मेरे ह्रदय के उदगार जेन्नी जी !!
बहुत सुंदर लेखन...। खूब बधाई।
जवाब देंहटाएंसराहनीय हायकु
जवाब देंहटाएंसीमित शब्दों में सराहनीय संदेश।
सादर।
सादर गर्भित हाइकु सत्य के पास ।
जवाब देंहटाएंसराहनीय सृजन।
पाँचाली-सी भू
जवाब देंहटाएंकन्हैया भेजो वस्त्र
धरा निर्वस्त्र। नए बिम्ब नए प्रतीकों से सजे सार्थक हाईकु 👌👌👌👌👌🙏🙏