सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

788. प्रवासी पूत (20 हाइकु)

प्रवासी पूत  

*** 

1.
नीड़ की यादें 
मन हुआ बेकल
प्रवासी पूत। 

2.
देश को लौटा
रोज़ी-रोटी की खोज
प्रवासी बेटा। 

3.  
दुःख में बेटा
विदेश की धरती  
बना बेगाना।

4.
पेट के वास्ते
बेटा बसा विदेश,
दुःखी माँ-बाप। 

5.
छूटा है देश
ज़िम्मेदारी का दंश
अकेला बच्चा।

6.
अकेला बच्चा 
माँ-बाप निस्सहाय
प्रवासी पूत।

7.
अकेला बेटा 
विदेश की धरती,
दुःख है भारी।

8.
प्रवासी पूत 
चढ़ गया सूली पे,
बेरोज़गारी।

9.
बेटा है देशी 
रोज़गार की खोज
बना विदेशी।

10.
काँटों से घिरा
प्रवासी बना बच्चा,
फूल भेजता।

11.
देश की याद
हर रोज़ सताती
क्या करे बेटा?

12.
विदेशी पूत
अपना न सहारा
दुःख है साथी।

13.
देश पराया  
चकमक दुनिया
बेटे को भाया।   
 
14.
बेगार बेटा 
विदेश का सपना,  
विष निगला। 

15.
फन्दे पे झुला 
माँ-बाप का सहारा 
प्रवासी बेटा। 

16.
विदेशी लोभ 
माँ-बाप बने ग़ैर,  
निर्मोही बेटा। 

17. 
माँ-बाबा मृत, 
राह अगोरे बेटे की 
अस्थि-कलश! 

18.
सुख की रातें 
मटमैली हैं यादें 
देश की बातें। 

19.
कपूत पूत 
विदेश बसा, छोड़
वृद्ध माँ-बाप।   

20.
सपूत पूत  
माँ-बाप बिन दुःखी 
विदेशी ज़मीं। 

-जेन्नी शबनम (10.2.2025)
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