दुनिया बहुत रुलाती है
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प्रेम की चाहत कभी कम नहीं होती
ज़िन्दगी बस दुनियादारी में कटती है
कमबख़्त ये दुनिया बहुत रुलाती है।
- जेन्नी शबनम (21. 8. 2011 )
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प्रेम की चाहत कभी कम नहीं होती
ज़िन्दगी बस दुनियादारी में कटती है
कमबख़्त ये दुनिया बहुत रुलाती है।
- जेन्नी शबनम (21. 8. 2011 )
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duniya ... aur kya ker sakti hai
जवाब देंहटाएंरुलाती तो है मगर क्या खूबसूरत है ये दुनिया
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंइतनी छोटी कविता में इतनी बड़ी बात ! बहुत प्रभावशाली हैं ये पंक्तियाँ. आपका अभिव्यक्ति कौशल सराहनीय है जेन्नी जी!
जवाब देंहटाएंवाह!! उम्दा!!
जवाब देंहटाएंduniya ka kaam yahi hai
जवाब देंहटाएंrachana
आपकी तीन पक्तियां मन को छू सी गयी । इन चंद अल्फाजों में आपने एक महाकाव्य का सृजन कर दिया है । कभी समय इजाजत दे तो मेरे पोस्ट पर भी आने की कोशिश करें । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंकटु सत्य.
जवाब देंहटाएंयदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html