शनिवार, 4 अगस्त 2012

362. मन किया

मन किया

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आज फिर से
तुम्हें जी लेने का मन किया
तुम्हारे लम्स के दायरे में
सिमट जाने का मन किया 
तुम्हारी यादों के कुछ हसीन पल
चुन-चुनकर 
मुट्ठी में भर लेने का मन किया
जिन राहों से हम गुज़रे थे 
साथ-साथ कभी 
फिर से गुज़र जाने का मन किया
शबनमी कतरे सुलगते रहे रात भर
जिस्म की सरहदों के पार जाने का मन किया 
पोर-पोर तुम्हें पी लेने का मन किया 
आज फिर से 
तुम्हें जी लेने का मन किया। 

- जेन्नी शबनम (4. 8. 2012)
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21 टिप्‍पणियां:

  1. दिल को छू जाने वाली अभिव्यक्ति

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  2. ये मन की बातें हमें सुनते रहनी चाहिए।

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  3. तुम्हें जी लेने का मन किया ! dil ko chu gayi panktiya.....

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  4. Kaash....ham jism kee haden paar kar pate! Behad sundar rachana!

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  5. वाह वाह....
    बहुत प्यारी रचना...........
    जिन राहों से हम गुजरे थे
    साथ-साथ कभी
    फिर से गुजर जाने का मन किया...
    इतनी सुन्दर रूमानियत पढ़े बड़ा वक्त हुआ...

    अनु

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  6. डॉ जेन्नी साहिबा नमस्कार बहुत ही खुबसूरत चाहत . आपके सम्मान में पोस्ट पर अंकित दो लाइन समर्पित करता हूँ आपके इस पोस्ट पर
    आज फिर जीने की तम्मना है , आज फिर मरने का इरादा है .

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  7. कभी कभी पुराने लम्हों को जी जाने का मन कर जाता है...अच्छी रचना है|

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  8. बहुत खूब ... किसी को जी लेने का मन होना ... जीवन की सबसे बड़ी नेमत है ... नर्म सा एहसास लिए भावुक रचना ...

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  9. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका हार्दिक अभिनंदन है। धन्यवाद ।

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  10. मन क्या क्या करता है
    मन ही जाने
    पर आपकी इस प्रस्तुति को
    बार बार पढ़ने का मन किया.

    सुन्दर प्यारी मनमोहक प्रस्तुति.

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  11. Bahut sundar kavita. Bar bar padhne ka mann kiya...

    These lines are poetic brilliance Ma'am,
    "शबनमी कतरे सुलगते रहे रात भर
    जिस्म की सरहदों के पार जाने का मन किया "

    Thanks for such a beautiful poem:)

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  12. देख लो आज हमारा भी तुम से मुइलने का मन किया ,कुछ बात करने का मन किया तो चले आये। बहुत सुन्दर लग रही हो। आशीर्वाद। बहुत सुन्दर कविता है।

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  13. वाह!
    तुम्हें जी लेने का मन किया...बहुत ही सुंदर

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  14. बहुत सुन्दर ..मन को छू गई..

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  15. अपने मन की बात सुन लेने से भी मन हल्का हो जाता है. खूबसूरत कविता.

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  16. शबनमी कतरे सुलगते रहे रात भर
    जिस्म की सरहदों के पार जाने का मन किया

    ...लाज़वाब ! मन को छू जाती भावमयी अभिव्यक्ति..

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