शापित हूँ मैं
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शापित हूँ मैं
सिर्फ खोना है
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शापित हूँ मैं
सिर्फ खोना है
हारने के लिए जीना है।
अवांछित हूँ मैं
सिर्फ क्रंदन है
एहसास है पर बंधन है।
नियति का मज़ाक हूँ मैं
ठूंठ बदन है
पर फूल खिल गये हैं।
नहीं उगने दूँगी कोई फूल
भले ये ज़मीन बंज़र कहलाए
काट डालूँगी अपनी ही जड़
कभी कोई छाँव न पाए
कतर डालूँगी हर सोच
जो मुझमें उम्मीद जगाए।
नहीं उगने दूँगी कोई फूल
भले ये ज़मीन बंज़र कहलाए
काट डालूँगी अपनी ही जड़
कभी कोई छाँव न पाए
कतर डालूँगी हर सोच
जो मुझमें उम्मीद जगाए।
नियति की हार नहीं होगी
मेरी जीत कभी नहीं होगी
मैं शापित हूँ!
हाँ! शापित हूँ मैं!
- जेन्नी शबनम (27. 7. 2010)
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shaapit hun main
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shaapit hun main
sirf khona hai
haarne ke liye jina hai.
avaanchhit hun main
sirf krandan hai
yehsaas hai par bandhan hai.
niyati ka majaaq hun main
thunth badan hai
par phul khil gaye hain.
nahin ugne dungi koi phul
bhale ye zameen banjar kahlaaye
kaat daalungi apni hin jad
kabhi koi chhanv na paaye
qatar daalungi har soch
jo mujhmen ummid jagaaye.
niyati ki haar nahin hogi
meri jeet kabhi nahin hogi
main shaapit hun!
haan! shaapit hun main!
- jenny shabnam (27. 7. 2010)
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