गुरुवार, 8 मार्च 2012

329. मैं स्त्री हो गई (पुस्तक - 77)

मैं स्त्री हो गई

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विजातीय से प्रेम किया
अपनी जात से मुझे निष्काषित कर दिया गया,
मैं कुलटा हो गई;
अपने धर्म के बाहर प्रेम किया
अधर्मी घोषित कर मुझे बेदख़ल कर दिया गया,
मैं अपवित्र हो गई;
सजातीय से प्रेम किया
रिश्तों की मुहर लगा मुझे बंदी बना दिया गया,
मैं पापी हो गई;
किसी ने, न कहा, न समझा
मैंने तो एक पुरुष से
बस प्रेम किया
और मैं स्त्री हो गई। 

- जेन्नी शबनम (8. 3. 2012)
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26 टिप्‍पणियां:

  1. हर सूरत में कटघरे में नारी क्यूँ????

    सशक्त रचना...

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  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति,
    होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

    RECENT POST...काव्यान्जलि
    ...रंग रंगीली होली आई,

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  3. भावपूर्ण अभिव्यक्ति ....शुभकामनाएँ

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  4. बहुत ही बढ़िया

    आपको महिला दिवस और होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ----------------------------
    कल 09/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. वाह!!! बहुत खूब सार्थक अभिव्यक्ति...साथ ही होली की शुभकामनायें

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  6. स्त्री की सही परिभाषा दी है आपने वह भी दो टूक बात कहकर ।सराहनीय और स्पष्ट सोच !

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  7. समाज स्त्री को स्त्री ही नहीं समझना चाहता ॥अच्छी प्रस्तुति

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  8. और मैं स्त्री हो गई !behad khoobsurat,bebak andaz.

    जवाब देंहटाएं
  9. अनूठी लगी आपकी कविता ....पहलीबार आना हुआ आपकी पोस्ट पर

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  10. अनूठी लगी आपकी कविता ....पहलीबार आना हुआ आपकी पोस्ट पर

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  11. अदभुत रचना ! बधाई !

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  12. अदभुत रचना ! बधाई !

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  13. विसंगतियों को रेखांकित करती सार्थक रचना..
    सादर बधाई..

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  14. यह कविता नहीं सच्चाई है.. खूबसूरत अभिव्यक्ति।

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  15. वाह क्या बात है, बहुत ही सुंदर भाव संयोजन किया है आपने एक स्त्री के मन कि व्यथा का बहुत खूब सार्थक प्रस्तुति...एवं होली की शुभकामनायें॥

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  16. किसी ने
    न कहा
    न समझा
    मैंने तो एक पुरुष से
    बस प्रेम किया
    और मैं स्त्री हो गई !
    aapake matritwa ko PRANAM.

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  17. wah sabnam ji ......behad prabhavshali prastuti lagi ..sadar abhar.

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  18. सार्थकता लिए हुए सटीक अभिव्‍यक्ति ।

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  19. कड़वा सच सदियों से चला आ रहा है ...निर्भीक निर्मम ..और न जाने कब तक ..........

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  20. कम शब्दों में समाज में व्याप्त हीनमानसिकता पर कठोराघात..
    लाजवाब बुना है आपने..
    सादर

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