क्या तुम दे सकोगे जवाब
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किससे माँगूँ मेरे रिसते आँसुओं का हिसाब
मेरी काली रातों और धुँधले दिन का हिसाब
कौन देगा मेरी अकथ्य अंतःव्यथा का जवाब
क्या तुम दे सकोगे मेरे असंख्य सवालों का जवाब?
जब जीवन के जद्दोज़हद के साथ
हमारे रिश्तों की लम्बी बहस होती रही,
प्रेम-विश्वास की कुम्हलाई छाया के साथ
शब्द-युद्ध का दंश अनवरत झेलती रही,
जीवन एक समझौता मात्र है मान
हर निराधार आरोप निःशब्द ओढ़ती रही,
तुम्हारे हर एक शब्द-वाण से पाकर घात
अपने मन और अस्तित्व को लताड़ती रही।
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किससे माँगूँ मेरे रिसते आँसुओं का हिसाब
मेरी काली रातों और धुँधले दिन का हिसाब
कौन देगा मेरी अकथ्य अंतःव्यथा का जवाब
क्या तुम दे सकोगे मेरे असंख्य सवालों का जवाब?
जब जीवन के जद्दोज़हद के साथ
हमारे रिश्तों की लम्बी बहस होती रही,
प्रेम-विश्वास की कुम्हलाई छाया के साथ
शब्द-युद्ध का दंश अनवरत झेलती रही,
जीवन एक समझौता मात्र है मान
हर निराधार आरोप निःशब्द ओढ़ती रही,
तुम्हारे हर एक शब्द-वाण से पाकर घात
अपने मन और अस्तित्व को लताड़ती रही।
मेरे डर को मेरी बेवफ़ाई कहते हो
मेरी मज़बूरी को मेरी संग-दिली कहते हो,
जब तुम ही नहीं समझते मुझे
बताओ कैसे कोई समझेगा मुझे?
अगर मैं हूँ निर्मम-नासमझ-निःसंवेदी
फिर कैसे समझती हूँ तुम्हारी हर रचना
कैसे डूबकर खो जाती हूँ हर एक शब्द में
कैसे आत्मसात करती हूँ तुम्हारी भावना?
- जेन्नी शबनम (5. 3. 2010)
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kya tum de sakoge jawaab
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kisase maangoon mere riste aansuon ka hisaab
meri kaali raaton aur dhundhle din ka hisaab
kaun dega meri akathya antahvyatha ka jawaab
kya tum de sakoge mere asankhya sawaalon ka jawaab?
jab jiwan ke jaddozehad ke saath
hamaare rishton ki lambi bahas hoti rahi,
prem-vishwaas ki kumhlaai chhaaya ke sath
shabd-yuddh ka dansh anwarat jhelti rahi,
jiwan ek samjhauta maatra hai maan
har niraadhar aarop nihshabd odhti rahi,
tumhare har ek shabd-waan se paakar ghaat
apne mann aur astitva ko lataadti rahi.
mere dar ko meri bewafai kahte ho
meri mazboori ko meri sang-dili kahte ho,
jab tum nahin samajhte mujhe
bataao kaise koi samjhega mujhe ?
agar main hun nirmam-naasamajh-nihsamvedi
fir kaise samajhti hun tumhaari har rachna
kaise doob kar kho jaati hun har ek shabd mein
kaise aatmsaat karti hun tumhari bhaawna?
- Jenny Shabnam (5. 3. 2010)
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