भय
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भय!
किससे भय? ख़ुद से?
ख़ुद से कैसा भय?
असम्भव!
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भय!
किससे भय? ख़ुद से?
ख़ुद से कैसा भय?
असम्भव!
पर ये सच है
अपने आप से भय
ख़ुद के होने से भय
ख़ुद के खोने का भय
अपने शब्दों से भय
अपने प्रेम से भय
अपने क्रोध से भय
अपने प्रतिकार से भय
अपनी चाहत का भय
अपनी कामना का भय
कुछ टूट जाने का भय
सब छूट जाने का भय
कुछ अनजाना-अनचीन्हा भय
ज़िन्दगी के साथ चलता है
ख़ुद से ख़ुद को डराता है।
ज़िन्दगी के साथ चलता है
ख़ुद से ख़ुद को डराता है।
कोई निदान?
असम्भव!
जीवन से मृत्युपर्यंत
भय! भय! भय!
न निदान, न नज़ात!
- जेन्नी शबनम (7.11.2011)
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