***
1.
पूनो-सी खिली
चहके दीया-बाती
हर अँगना।
2.
अमा जा छुपी
दीयों से डरकर,
ख़ुश दीवाली।
3.
बम-पटाखे
प्रदूषण से हारे
डिब्बों में बन्द।
4.
जल न सके
प्रदूषण पसरा
पटाखे दुःखी।
5.
जन बेचारा
प्रदूषण का मारा
पटाखे गुम।
6.
पूनो चाहती-
काश! दिखे दीवाली!
अमा से हारी।
7.
नभ में तारे
दीवाली हैं मनाते
ज़मीं पे दीए।
8.
अमा की रात
घर-घर पूर्णिमा
दीवाली रात।
9.
ऊँचे महल
जगमग दीवाली,
झोपड़ी दुःखी।
10.
अमा भगाके
दीवाली देती सीख-
विजयी भव!
11.
रात काली है
मन में दीवाली है
घबराना क्यों?
12.
अमा छँटेगी
मत सोच अधिक
होगी दीवाली।
13.
चाँद-सितारे
प्रदूषण ने खाए,
दीप जलाएँ।
14.
हारना मत
दीवाली का सन्देश
दीप-से जलो!
15.
अँधेरा छुपा,
घर-घर दीवाली
लगती न्यारी।
16.
माटी का दीया
जगमग बिजली,
दुःखी बेचारा।
17.
मुस्कुरा रही
दीपों की फुलवारी
सुन्दर-प्यारी।
18.
सुन दीवाली!
जल्दी मत लौटना
साथ रहना।
19.
दीवाली बोली-
माटी के दीप जला!
माटी है ख़ुश।
20.
ख़ूब चहकी
बिजली की लड़ियाँ,
दीपक दुःखी।
1.
पूनो-सी खिली
चहके दीया-बाती
हर अँगना।
2.
अमा जा छुपी
दीयों से डरकर,
ख़ुश दीवाली।
3.
बम-पटाखे
प्रदूषण से हारे
डिब्बों में बन्द।
4.
जल न सके
प्रदूषण पसरा
पटाखे दुःखी।
5.
जन बेचारा
प्रदूषण का मारा
पटाखे गुम।
6.
पूनो चाहती-
काश! दिखे दीवाली!
अमा से हारी।
7.
नभ में तारे
दीवाली हैं मनाते
ज़मीं पे दीए।
8.
अमा की रात
घर-घर पूर्णिमा
दीवाली रात।
9.
ऊँचे महल
जगमग दीवाली,
झोपड़ी दुःखी।
10.
अमा भगाके
दीवाली देती सीख-
विजयी भव!
11.
रात काली है
मन में दीवाली है
घबराना क्यों?
12.
अमा छँटेगी
मत सोच अधिक
होगी दीवाली।
13.
चाँद-सितारे
प्रदूषण ने खाए,
दीप जलाएँ।
14.
हारना मत
दीवाली का सन्देश
दीप-से जलो!
15.
अँधेरा छुपा,
घर-घर दीवाली
लगती न्यारी।
16.
माटी का दीया
जगमग बिजली,
दुःखी बेचारा।
17.
मुस्कुरा रही
दीपों की फुलवारी
सुन्दर-प्यारी।
18.
सुन दीवाली!
जल्दी मत लौटना
साथ रहना।
19.
दीवाली बोली-
माटी के दीप जला!
माटी है ख़ुश।
20.
ख़ूब चहकी
बिजली की लड़ियाँ,
दीपक दुःखी।
-जेन्नी शबनम (12.10.202)
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