ख़ाली हाथ जाना है
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ख़ाली हाथ हम आए थे
ख़ाली हाथ ही जाना है।
तन्हा-तन्हा रातें गुज़री
तन्हा दिन भी बिताना है।
समझ-समझ के समझे क्यों
समझ से दिल कब माना है।
क़तरा-क़तरा जीवन छूटा
क़तरा-क़तरा सब पाना है।
बूँद-बूँद बिखरा लहू
बूँद-बूँद मिट आना है।
झम-झम बरसी आँखें उसकी
झम-झम जल ये चखाना है।
'शब' को याद मत करो तुम
उसका गया ज़माना है।
- जेन्नी शबनम (16. 6. 2020)
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