मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

597. बातें (क्षणिका)

बातें 

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रात के अँधेरे में ढेरों बातें करती हूँ 
जानती हूँ मेरे साथ 
तुम कहीं नहीं थे, तुम कभी नहीं थे 
पर सोचती रहती हूँ- तुम सुन रहे हो 
और मैं ख़ुद से बातें करती हूँ।   

- जेन्नी शबनम (25. 12. 2018)   
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