कोई तो दिन होगा
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कोई तो दिन होगा
जब गीत आज़ादी के गाऊँगी
बीन बजाते भौंरे नाचेंगे
मैं पराग-सी बिखर जाऊँगी
आसमाँ में सूरज दमकेगा
मैं चन्दा-सी सँवर जाऊँगी।
कोई तो दिन होगा
जब गीत ख़ुशी के गाऊँगी
चिड़िया फुदकेगी डाल-डाल
मैं तितली-सी उड़ जाऊँगी
फूलों से बगिया महकेगी
मैं शबनम-सी बिछ जाऊँगी। !
जब गीत ख़ुशी के गाऊँगी
चिड़िया फुदकेगी डाल-डाल
मैं तितली-सी उड़ जाऊँगी
फूलों से बगिया महकेगी
मैं शबनम-सी बिछ जाऊँगी। !
कोई तो दिन होगा
जब गीत प्रीत के गाऊँगी
प्रेम प्यार के पौध उपजेंगे
मैं ज़र्रे-ज़र्रे में खिल जाऊँगी
भोर सुहानी अगुवा होगी
मैं आसमाँ पर चढ़ जाऊँगी।
कोई तो दिन होगा
जब गीत आनन्द के गाऊँगी
यम बुलाने जब आएगा
मैं हँसती-हँसती जाऊँगी
कथा-कहानी जीवित रहेगी
मैं अमर होकर मर जाऊँगी।
-जेन्नी शबनम (16.11.2014)
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